29 अप्रैल 2009
मुंबई- सोने के दामों में भले ही उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है लेकिन एमसीएक्स में सोने की गिन्नी के कॉन्ट्रैक्ट ने अपने लॉन्च के एक वर्ष के अंदर ही निवेशको
नई दिल्ली: स्टील निर्यात करने वाले प्रमुख देश दक्षिण कोरिया ने भारत से विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में स्टील उत्पादों के आयात पर बंदिशें लगाने की वजह बताने को कहा है। डब्ल्यूटीओ एक बहुराष्ट्रीय संस्था है जो देशों के बीच व्यापार के नियमों को तय करती है। अगर भारत इस सवाल का संतोषजनक उत्तर देने में सफल नहीं रहता है तो दक्षिण कोरिया डब्ल्यूटीओ की विवाद सुलझाने वाली संस्था के पास इन प्रतिबंधों को चुनौती दे सकता है। यह संस्था इस तरह के विवाद पर फैसला देती है। पिछले साल के अंत में भारत ने तमाम उत्पादों को प्रतिबंधात्मक उत्पादों की सूची में डाल दिया था। वाहनों के कलपुर्जे, हॉट रोल्ड कॉइल्स, सीमलेस ट्यूब्स और पाइप समेत कई स्टील उत्पाद शामिल किए गए थे। इन उत्पादों को प्रतिबंधात्मक सूची में डालने से केवल इस्तेमाल करने वाली इंडस्ट्री ही सरकार से लाइसेंस लेकर इनका आयात कर सकती है। एक सरकारी अधिकारी ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर बताया कि भारत के लिए इन प्रतिबंधों के बारे में डब्ल्यूटीओ में जवाब देना मुश्किल साबित हो सकता है, क्योंकि ऐसा करने के लिए कोई खास आधार नहीं था। सरकारी हलकों में इस बात के लिए पहले से काफी मजबूत राय है कि एंटी-डंपिंग ड्यूटी या सेफगार्ड ड्यूटी जैसे विशेष शुल्क लागू करना ही बेहतर है। इस तरह के विशेष शुल्क लगाने के बारे में डब्ल्यूटीओ में प्रावधान हैं। कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता वाली सचिवों की समिति (सीओएस) पहले ही फैसला ले चुकी है कि आयात प्रतिबंधों को यदा-कदा ही लगाया जाए। इससे पहले इस साल सीओएस ने वाणिज्य मंत्रालय से कहा था कि वह आयात पर प्रतिबंध तभी लगाए जबकि ऐसा करना अनिवार्य हो। एक अधिकारी ने कहा, 'अगर प्रतिबंधों के मामले में डब्ल्यूटीओ पैनल का गठन किया जाता है तो इसके फैसले से भारत के दूसरे उत्पादों पर भविष्य में इसी तरह के प्रतिबंध लगाने की क्षमता पर असर पड़ सकता है। हालांकि इस तरह की प्रक्रियाओं में लंबा वक्त लगता है।' डब्ल्यूटीओ में दाखिल की गई अपनी शिकायत में दक्षिण कोरिया ने भारत से इस बात की जानकारी भी मांगी है कि नई लाइसेंसिंग स्कीम में आयात पर अवरोध न लगाने के बारे में वह क्या कदम उठा रहा है। दक्षिण कोरिया ने अपने दस्तावेज में सवाल किया है, 'भारत सरकार ने लाइसेंसिंग स्कीम से आयात पर प्रतिबंध न लगें, इस बारे में क्या कदम उठाए हैं?' ग्लोबल आर्थिक संकट की वजह से स्टील की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में तेज गिरावट आई है। इस वजह से सरकार को घरेलू इंडस्ट्री को बचाने के लिए कई कदम उठाने के लिए मजबूर होना पड़ा है। (ET Hindi)
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