23 अप्रैल 2009
एफएमसी चीनी में सट्टेबाजी पर रखेगा कड़ी नजर
चीनी की कीमतों को लेकर अत्यधिक सतर्क सरकार ने अब इसकी सट्टेबाजी पर कड़ी नजर रखने का फैसला किया है। हालांकि चीनी वायदा पर रोक लगाने की अभी कोई जरूरत महसूस नहीं की गई हैं। सचिवों की उच्च स्तरीय समिति की बुधवार को संपन्न हुई बैठक में चीनी के मुद्दे पर ये फैसले लिए गए।जरूरी जिंसों की कीमतों में हो रहे इजाफे को लेकर कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में सचिवों की समिति की बैठक हुई। जिसमें चीनी के वायदा और हाजिर भाव में हो रहे इजाफे पर विचार किया गया। बैठक के बाद उपभोक्ता मामलों के सचिव यशवंत भावे ने बताया कि चीनी वायदा पर प्रतिबंध को लेकर कोई प्रस्ताव नहीं है। लिहाजा इसमें वायदा कारोबार जारी रहेगा। इससे पहले खाद्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव एन. सान्याल ने चीनी वायदा के बढ़ते कारोबार को हाजिर में तेजी के लिए जिम्मेदार बताया था। इससे चीनी वायदा पर रोक लगने की अटकलें लग रही थीं। हालांकि समिति ने वायदा व्यापार आयोग (एफएमसी) को चीनी में सट्टेबाजी पर अंकुश रखने के लिए कड़ी नजर रखने का निर्देश दिया है। जरूरत पड़ने पर एफएमसी चीनी समेत किसी भी जिंस के वायदा कारोबार के बारे में उपयुक्त कदम उठा सकता है। चीनी की बढ़ती कीमतों के लिए वायदा कारोबार को कहीं से भी जिम्मेदार नहीं माना है। कीमतों में बढ़ोतरी हाजिर बाजार के कारकों से ही आई है। मौजूदा समय में चीनी का खुदरा भाव बढ़कर 27-28 रुपये किलो तक चला गया। पिछले साल इस अवधि में भाव करीब 18-20 रुपये प्रति किलो था। चीनी उत्पादन में कमी की आशंका से भाव बढ़ रहे हैं। इस साल 150 लाख टन चीनी उत्पादन के आसार हैं। पिछले साल करीब 264 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था। सालाना घरलू खपत करीब 225 लाख टन रहने का अनुमान है। केंद्र ने हाल ही में एमएमटीसी, एसटीसी और पीईसी जैसी सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को भी करीब दस लाख टन डयूटी फ्री चीनी आयात की इजाजत दी है।सरकार पहले ही रॉ शुगर और रिफाइंड चीनी के आयात को शुल्क मुक्त कर चुकी है। अप्रैल से जून के दौरान खुले बाजार में बिक्री के लिए छह लाख टन चीनी का अतिरिक्त कोटा भी जारी किया गया है। इन सरकारी उपायों के बाद से पिछले तीन दिनों से दौरान हाजिर बाजारों में चीनी के भाव करीब 150-170 रुपये प्रति क्विंटल तक टूट चुके हैं। बुधवार को दिल्ली में चीनी एम ग्रेड करीब 60 रुपये की गिरावट के साथ 2420-2425 रुपये क्विंटल बिकी। वहीं मुंबई में भी एम-30 चीनी करीब 40 रुपये की गिरावट के साथ 2365 रुपये प्रति क्विंटल रही। (Business Bhaskar)
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