कोच्चि 04 16, 2009
कोट्टयम और कोच्चि बाजार के शेयरों में उछाल का उलटा असर प्राकृतिक रबर की कीमतों में छोटी अवधि की तेजी पर पड़ा है।
बाजार में आरएसएस-4 की कीमत 102 रुपये की ऊंचाई पर पहुंचने के बाद सोमवार को 99 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई। स्टॉकिस्टों के मुताबिक हाल के दिनों में कीमतों में जो तेजी आई थी उसमें कमी हो गई है। इसकी वजह यह है कि हाल ही में रबर की फसल की ताजा आवक हुई है।
कीमतों में पिछले 6-8 हफ्ते में तेजी आई तो इसकी वजह से किसानों को रबर का भंडारण करने का विचार सूझा ताकि वे ज्यादा से ज्यादा कीमतें पा सकें। बाजार में पिछले कुछ हफ्ते में रबर की आपूर्ति कम हुई जबकि कीमतों में तेजी का दौर कायम था। आपूर्ति में कमी आने की वजह से कीमतों में उछाल आया और सोमवार को आरएसएस-4 की कीमत 102 रुपये तक हो गई।
रबर उत्पादन के क्षेत्र में गर्मी के मौसम की थोड़ी बारिश भी शुरू हो चुकी है। किसानों के मुताबिक दिन के समय में ज्यादा गर्मी होने की वजह से उत्पादन बहुत प्रभावित होता है। किसानों को प्राकृतिक रबर के भंडार को बाजार में निकालने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है क्योंकि वैश्विक बाजार के मुकाबले स्थानीय बाजार में कीमतें 15 रुपये प्रति किलोग्राम ज्यादा हैं।
वैसे बेहतर उत्पादन का मौसम आने ही वाला है और बाजार में रबर की आवक होने के बाद इसके भंडारण की कोई उपयोगिता नहीं है। रबर पर आधारित उद्योगों खासतौर पर टायर निर्माताओं ने पहले से बढ़ती कीमतों के मद्देनजर यह चेतावनी दे दी है कि अगर कीमतों में इजाफा होता है तो वे आयात का सहारा ले सकते हैं।
इसकी वजह यह है कि विदेशी बाजार में प्राकृ तिक रबर की कीमतें घरेलू बाजार के मुकाबले कम हैं। वैसे इस दफा बेहतर उत्पादन होने की गुंजाइश है क्योंकि प्राकृतिक रबर के उपज वाले इलाके में अच्छी बारिश भी हो रही है। किसानों के लिए मौजूदा कीमतें भी बहुत आकर्षक हैं।
इस बीच प्राकृतिक रबर के उत्पादन और उपभोग लगभग बराबर ही रहा। रबर बोर्ड के अनुमान के मुताबिक मसलन वर्ष 2008-09 में कुल उत्पादन 865,000 टन और उपभोग 866,000 टन है। प्राकृतिक रबर के उत्पादन में सालाना आधार पर 4.8 फीसदी तक की बढ़ोतरी हुई और वर्ष 2007-08 में 825,000 टन का उत्पादन हुआ। वर्ष 2008-09 में उपभोग में महज 0.5 फीसदी तक की ही बढ़ोतरी हुई।
भारत के प्राकृतिक रबर का उपभोग वर्ष 2007-08 के 861,000 टन के मुकाबले इस साल 866,000 टन रहा। वर्ष 2008-09 के दौरान निर्यात के मोर्चे पर 45,538 टन का निर्यात किया गया जबकि इससे पहले साल 60,353 टन का निर्यात किया गया।
आयात में भी 6367 टन की कमी देखी गई और वर्ष 2007-08 के मुकाबले 86,394 टन के मुकाबले इस साल 79,927 टन आयात हुआ। उपभोग में मामूली बढ़ोतरी तो जरूर हुई है और निर्यात में कमी आने की वजह से देश के प्राकृतिक रबर के भंडार में तेजी आई। (BS Hindi)
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