मुंबई 04 20, 2009
सोने और चांदी की कीमतें इस समय गिर रही हैं। इसके साथ ही छोटे पैमाने पर ही सही, इस कीमती धातु का आयात भी शुरू हो गया है, क्योंकि आने वाले दिनों में इसकी मांग बढ़ने के आसार हैं।
17 अप्रैल को ही सोने की कीमतों में 2 प्रतिशत की गिरावट आई है और सोने की कीमत 14045 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई है। वहीं चांदी की कीमतों में 3.95 प्रतिशत की गिरावट आई, और यह 20690 रुपये प्रति किलो पर आ गई है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार भी देख रहा है कि भारत में आने वाले दिनों में मांग बढ़ सकती है। पिछले कुछ महीनों से भारत और तुर्की जैसे उपभोक्ता देशों ने आयात बंद कर दिया था। उसके बाद से कीमतों में सुधार आनी शुरू हुई और इन देशों ने सोने और चांदी का आयात फिर से शुरू हो गया है।
बांबे बुलियन एसोसिएशन के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा कि फरवरी और मार्च महीने में सोने और चांदी का आयात नहीं हुआ, लेकिन अप्रैल के पहले 15 दिनों के दौरान 10 टन से ज्यादा सोने का आयात भारत में हुआ है और चांदी का आयात भी शुरू हो गया है। चांदी का आयात भी बढ़ने की संभावना है, लेकिन अभी कीमतों में और गिरावट की उम्मीद के चलते कारोबार धीमा है।
सोने की कीमतों में फरवरी के तीसरे सप्ताह के 15,745 रुपये प्रति 10 ग्राम की तुलना में 18.80 प्रतिशत की गिरावट आई है और अब कीमतें 14,045 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गई हैं। वहीं चांदी की कीमतों में इस दौरान 10.93 प्रतिशत की गिरावट आई है और यह 20690 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गई है।
जब सोने की कीमतें अतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ रही थीं, तब भारत में सोने की खरीद पर छूट दी जा रही थी। उस समय भारत में सोने का आयात रुक गया और कुछ कारोबारियों ने आभूषणों की बजाय सोने का निर्यात करना शुरू कर दिया था। अब जब कीमतें गिर रही हैं तो भारत के स्थानीय बाजारों में मांग बढ़ रही है। इसके साथ ही 27 अप्रैल को अक्षय तृतीया है, जब सोने की मांग में बढ़ोतरी की उम्मीद की जा रही है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी सोने की कीमतों में गिरावट आ रही है। फरवरी के तीसरे सप्ताह में इसकी कीमतें 1000 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गई थीं, जो अब 868 डॉलर प्रति औंस के आसपास हैं। कारोबारी भारत में त्योहार के दौरान मांग बढ़ने की राह देख रहे हैं।
बर्कलेज कमोडिटी के एक विशेषज्ञ की राय में वैश्विक आर्थिक स्थिति कमजोर होने के बीच आने वाले दिनों में भारत में त्योहारों के दौरान सोने की मांग बढ़ेगी और उस समय कीमतों के मामले में बेहतर समर्थन मिल सकता है। वैश्विक रूप से निवेशकों ने मुनाफावसूली की, जिसके चलते कीमतों में गिरावट दर्ज की गई। बर्कलेज के विशेषज्ञों का कहना है कि बाजार में निवेशक फिर लौट सकते हैं। परंपरागत रूप से सोने के निवेश में बेहतर मुनाफा मिलता रहा है।
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के मुताबिक सोना सबसे सुरक्षित विकल्प है, जो भारतीयों को आसानी से उपलब्ध है। हाल के एक अध्ययन में कहा गया है कि इस समय आर्थिक मंदी के चलते जहां अन्य क्षेत्रों में निवेश में अनिश्चितता का माहौल है भारतीय गृहिणियां, जो सोने के प्रति ज्यादा आकर्षित होती हैं, वे सोने और उसके सिक्कों में निवेश के प्रति आकर्षित हुई हैं। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के आंकड़ों के मुताबिक 1999 और 2008 के बीच सोने में निवेश पर औसतन 26 प्रतिशत सालाना मुनाफा मिला है।
आयात से आ सकती है कीमतों में कमी
फरवरी और मार्च के दौरान सोने की मांग कम थी और पुराने सोने की बिक्री बढ़ गई थी, ज्यादातर आभूषण कारोबारियों ने भी अपना स्टॉक कम क र दिया था। अब कीमतों में गिरावट आने के बाद वे अपना स्टॉक बढ़ाने में लग गए हैं।
अप्रैल की शुरुआत से अब तक 10 टन सोने का आयात किया जा चुका है और उम्मीद की जा रही है कि अगले दो सप्ताह में 20-25 टन सोने का आयात होगा। सोने की आवक बढ़ने से अनुमान लगाया जा रहा है कि हाजिर बाजार में कीमतें 13,700 रुपये प्रति 10 ग्राम या इससे भी कम स्तर पर आ सकती हैं।
पिछले सप्ताह के दौरान कीमतों में 220 रुपये या 1.54 प्रतिशत की कमी आई है और सोना 14,075 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गया है। लंदन के बाजार में कीमतें 1.46 प्रतिशत गिरीं और यह 12.85 डॉलर गिरकर 868.80 डॉलर प्रति औंस पर आ गया। चांदी की कीमतों में 2.63 प्रतिशत की तेज गिरावट दर्ज की गई और यह 20,550 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गई। 2012 तक 20 फीसदी बढ़ेगा कारोबार
भारत का घरेलू रत्न और आभूषण कारोबार वर्ष 2012 तक 1,25,000 करोड़ रुपये को पार कर जाएगा। इस क्षेत्र का मौजूदा व्यापार 80,000 करोड़ रुपये है। आल इंडिया जेम ऐंड ज्वेलरी ट्रेड फेडरेशन (जीजेएफ) के चेयरमैन सी विनोद हैग्रिव ने कहा कि वैश्विक मंदी के कारण जब सभी उद्योग प्रभावित हुए हैं, हम 2012 तक 1,25,000 करोड़ रुपये के कारोबार का लक्ष्य निर्धारित कर रहे हैं। हम अगले तीन साल में क्षेत्र में 17 फीसदी वृध्दि की उम्मीद कर रहे हैं। (BS Hindi)
21 अप्रैल 2009
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