कोलकाता April 25, 2009
तंबाकू की कीमतों में 50 फीसदी तक की बढ़ोतरी होने की वजह से सिगरेट विनिर्माताओं ने कीमतों को बढ़ाने का फै सला लिया है।
वास्तव में इस क्षेत्र के एक बड़े खिलाड़ी आईटीसी ने अपने सिगरेट के ब्रांड गोल्ड फ्लेक की कीमतों को बढ़ाने का फैसला लिया है और इसने 10 सिगरेट वाली पैकेट का दाम 40 रुपये से बढ़ाकर 44 रुपये कर दिया है।
आईटीसी के एक प्रवक्ता का कहना है कि सिगरेट की कीमतों में बढ़ोतरी की एक वजह यह है कि तंबाकू की कीमत भी बहुत ज्यादा है। गोल्ड फ्लेक आईटीसी का सबसे ज्यादा बिकने वाला ब्रांड है। देसी तंबाकू की कीमतें फिलहाल लगभग 1,300-2,000 रुपये प्रति 20 किलोग्राम है। यह तंबाकू की गुणवत्ता और भुगतान की अवधि पर भी निर्भर करता है।
पिछले साल समान किस्म की तंबाकू की कीमत 1,200-1,400 रुपये प्रति 20 किलोग्राम थीं। हालांकि आईटीसी ने केवल गोल्ड फ्लेक ब्रांड के लिए कीमतों में बढ़ोतरी की है। आईटीसी के और भी ब्रांड हैं मसलन इंसिग्नियां, इंडिया किंग्स, क्लासिक, सिल्क कट, नेवी कट, सिजर्स, कैप्सटन, बर्कले, ब्रिस्टॉल, फ्लेक।
दूसरे सिगरेट निर्मार्णकत्ता, गॉडफ्रे फिलिप्स (इंडिया), कीमतों में बढ़ोतरी के लिए अब फैसला लेने ही वाली है। गॉडफ्रे फिलिप्स की उपाध्यक्ष (मार्केटिंग ऐंड कॉर्पोरेट अफेयर्स) नीता कपूर का कहना है, 'कंपनी साल में दो बार वित्तीय वर्ष की शुरुआत में और अप्रैल के अंत या साल के मध्य में कीमतों की समीक्षा करती है।'
वह कहती हैं, 'हमलोगों ने अभी किसी तरह की कोई योजना नहीं बनाई है।' कपूर हालांकि इस बात की ओर संकेत करती हैं कि कीमतें सीधे तौर पर लागत पर निर्भर करती हैं और कुछ किस्मों की कीमतें पिछले साल के मुकाबले लगभग दोगुनी हो चुकी हैं। सिगरेट मैन्यूफैक्चर्स अपने लिए कच्चे माल की सभी जरूरतें तंबाकू की नीलामी के जरिए पूरी करते हैं।
तंबाकू बोर्ड हर साल नीतियां बनाती है ताकि वर्जीनिया तंबाकू के उत्पादन और संसाधनों का नियमन किया जा सके। बोर्ड घरेलू और निर्यात के लिए फसल की जरूरतों का जायजा लेती है। इसके लिए किसानों के संगठन और भारतीय तंबाकू एसोसिएशन के साथ भी बातचीत करती है, उसके बाद फसल का आकार तय किया जाता है। (BS Hindi)
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें