रायपुर 04 24, 2009
गर्मी बढ़ने से छत्तीसगढ़ में सब्जी उत्पादक इलाकों के करीब 60 प्रतिशत कुएं सूख गए हैं।
इससे बाजार में न केवल सब्जियों का संकट हो गया है, बल्कि ज्यादातर सब्जियां आम लोगों की पहुंच से बाहर हो गई हैं। यानी अब यूं कहा जाए कि खाने वाली थाली में सब्जी नदारद हो सकती है तो गलत नहीं होगा।
पिछले एक पखवाड़े के दौरान तापमान में अप्रत्याशित बढ़ोतरी हुई है। राज्य की राजधानी में अधिकतम तापमान 43 डिग्री सेल्सियस पार कर गया है। इसका परिणाम यह हुआ है कि राज्य के सब्जी उत्पादक इलाकों के 60 प्रतिशत कुएं सूख गए हैं।
इससे न केवल सब्जियों के उत्पादन में कमी आई है, बल्कि बहुत बड़े इलाके में फसलों को भी नुकसान पहुंचा है। कारोबारियों के मुताबिक. राज्य के शहरी बाजारों में करीब 70 प्रतिशत सब्जियां ग्रामीण इलाकों से आती हैं।
आपूर्ति बाधित होने की वजह से कारोबारी पड़ोसी राज्यों से सब्जियां मंगा रहे हैं, जिससे कीमतों में बढ़ोतरी हो गई है। सब्जियों के थोक विक्रेता संघ के अध्यक्ष हरीश बावरिया ने कहा कि अप्रैल महीने में पिछले 50 साल के दौरान कभी भी कुएं नहीं सूखे हैं। संकट और ज्यादा इसलिए बढ़ गया है कि चुनाव के साथ साथ शादी-विवाह का मौसम भी चल रहा है।
अप्रैल की शुरुआत में प्रतिदिन करीब 2 दर्जन ट्रक सब्जियां, राज्य की राजधानी में मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, उड़ीसा और आंध्र प्रदेश से आते थे। अब यह आवक बढ़कर 6-7 ट्रक प्रतिदिन हो गई है।
एक पखवाड़े में सब्जियों की कीमतों में दोगुने की बढ़ोतरी हुई है। फूल गोभी पहले 6 रुपये किलो बिक रही थी, आज 14 रुपये किलो बिक रही है। टमाटर के दाम 5 रुपये किलो से बढ़कर 12 रुपये प्रति किलो हो गए हैं। (BS Hindi)
25 अप्रैल 2009
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