कोच्चि 04 22, 2009
देश के टायर उद्योग ने रबर बोर्ड में और अधिक प्रतिनिधित्व की मांग की है, जिससे ग्राहकों के हितों का संरक्षण किया जा सके। उन्होंने इस सिलसिले में रबर ऐक्ट 1947 में संशोधन की भी मांग की है।
ऑटोमोटिव टायर मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के चेयरमैन रघुपति सिंघानिया ने वाणिज्य सचिव को लिखे एक पत्र में कहा है कि रबर बोर्ड में कुल 26 सदस्य हैं, जिनमें से केवल 2 सदस्य प्राकृतिक रबर से जुड़े उद्योग से संबंधित हैं। यह स्थिति टायर और नॉन टायर दोनों क्षेत्रों को मिलाकर है।
टायर उद्योग अपने आप में बहुत बड़ा क्षेत्र है, जबकि नॉन टायर क्षेत्र में फूटवियर, बैटरी बाक्स, बेल्ट और केबल आदि शामिल हैं। इस तरह से इन उद्योगों से कुल मिलाकर दो प्रतिनिधि होना बहुत ही असमानता भरा है।
एसोसिएशन का कहना है कि एक तिहाई सदस्य उपभोक्ता वर्ग से, एक तिहाई उत्पादक क्षेत्र से और शेष सदस्य सरकारी, श्रमिकों और अन्य लोगों की ओर से होने चाहिए। यह मांग की गई कि बोर्ड की बैठक देश के विभिन्न इलाकों में रोटेशन के आधार पर होना चाहिए। (BS Hindi)
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