नई दिल्ली 04 29, 2009
सहकारी संस्था, नैशनल एग्रीकल्चरल ऐंड कोआपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन (नेफेड) ने फ्रैंचाइजी मॉडल पर किराना की दुकानें खोलने की योजना बनाई है।
वर्तमान में यह कंपनी नेफेड बाजार नाम से 10 रिटेल आउटलेट चलाती है, जिसमें 8 दिल्ली में हैं, जबकि 2 शिमला में। इन सभी पर कंपनी का मालिकाना हक है। इसके अलावा नेफेड अस्पतालों, होटलों और सरकारी विभागों में किराना उत्पादों की बिक्री करती है।
पिछले सप्ताह हुई एक बैठक में बोर्ड ने नेफेड के फ्रैंचाइजी के लिए बने दिशानिर्देश को मंजूरी दे दी। नेफेड के प्रबंध निदेशक यूकेएस चौहान ने कहा कि कुछ लोगों ने व्यक्तिगत स्तर पर और कंपनियों ने भी फ्रैंचाइजी लेने के लिए संबंधित जानकारी मांगी है।
फ्रैंचाइजी के तहत जो दुकानें खोली जाएंगी, उनका नाम फी नेफेड बाजार ही रहेगा। जारी दिशानिर्देशों में एक सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि फ्रेंचाइजी लेने वाले को बिक्री के सभी उत्पादों की खरीद नेफेड के माध्यम से करनी होगी।
मुंबई की ओमेगा इनवेस्टमेंट ऐंड प्रॉपर्टीज, जो रियल एस्टेट के कारोबार और कुछ अन्य व्यवसायों में लगी है, ने कोआपरेटिव की फ्रैंचाइजी बनने में रुचि दिखाई है। यह केवल दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के लिए है।
नेफेड शुरुआती दौर में राजधानी और उससे जुड़े कस्बों पर ध्यान केंद्रित करने की योजना बना रही है, जहां पर पहले से ही विकसित सप्लाई चेन है। उसके बाद समय के साथ अन्य शहरों की ओर बढ़ने की योजना है।
हालांकि उसका लक्ष्य इसके देश भर में विस्तार का है। नेफेड केंद्र सरकार की एजेंसी है, जो विभिन्न कृषि जिंसों की सरकारी खरीद, वितरण, निर्यात और आयात का काम करती है। फेडरेशन दालों और तिलहन की कीमतों पर नजर रखती है और इसकी नोडल एजेंसी भी है।
इसके अलावा जूट, कपास और कोपरा जैसे कृषि जिंसों के कारोबार में भी दखल रखती है। जहां नेफेड तिलहन, दालों, प्याज आदि की खरीद घरेलू बाजार में करती है, यह दालों और तेलों जैसे जिंसों का आयात भी करती है- अगर देश में इसकी कमी हो। (BS Hindi)
29 अप्रैल 2009
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें