23 अप्रैल 2009
राजस्थान में चीनी व्यापारियों के लिए लाइसेंस, स्टॉक सीमा
राजस्थान सरकार ने बुधवार को एक आदेश जारी कर प्रदेश में चीनी के थोक कारोबार के लिए लाइसेंस अनिवार्य करने के साथ अधिकतम स्टॉक सीमा (20 टन) भी तय कर दी है। उधर सरकारी प्रयासों के चलते एक सप्ताह के दौरान जयपुर मंडी में चीनी में आठ फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। अतिरिक्त खाद्य आयुक्त ओ.पी यादव बताया कि राज्य में चीनी भावों पर नियंत्रण करने के लिए राजस्थान व्यापारिक वस्तु (अनुज्ञापन तथा नियंत्रण) आदेश के तहत लागू इन आदेशों के मुताबिक प्रदेश में 10 क्विंटल से अधिक चीनी का स्टॉक रखने वाले व्यापारियों को लाइसेंस लेना अनिवार्य होगा। व्यापारियों को आदेश के जारी होने की तिथि से 15 दिन के भीतर लाइसेंस लेने को कहा गया है। साथ ही व्यापारियों को हर महीने चीनी के स्टॉक के बारे में जानकारी देनी होगी और मूल्य सूची और स्टॉक संबंधी सूचना को प्रदर्शित भी करना होगा। आदेश की पालन नहीं करने वाले व्यापारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। जिला रसद अधिकारी और प्रवर्तन अधिकारियों को निगरानी की जिम्मेदारी सौंपी गई है। सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के लिए चीनी खरीद करने वाली एजेंसियों और आयातकों को स्टॉक सीमा संबंधी आदेश के दायर से बाहर रखा गया है। खाद्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार स्टॉक प्रवृत्ति की वजह से पिछले दिनों राज्य में चीनी की कीमतें खुदरा में 29 रुपए किलो तक पहुंच गई थी। उधर, शुगर एंड खांडसारी ट्रेड एसोसिएशन ऑफ राजस्थान के महासचिव श्रीबल्लभ काबरा का कहना है कि स्टॉक सीमा तय करने से कीमतों पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा लेकिन पंद्रह दिन में लाइसेंस लेने की बाध्यता के कारण घबराहट फैलने से व्यापारी स्टॉक निकालने में लग गए हैं। पिछले सप्ताह जयपुर मंडी में चीनी के थोक भाव 2750 रुपए तक पहुंच गए थे। चीनी की कीमतों में बढ़ोतरी के लिए काफी हद तक वायदा कारोबार जिम्मेदार है और इस पर रोक से ही कीमतों में स्थिरता संभव है। जहां तक स्टॉक सीमा व अवधि तय करने की बात है तो वायदा बाजार के माध्यम से व्यापारी जितनी चाहे चीनी खरीद सकता है और मांग निकलेगी तो स्टॉक बचेगा ही नहीं। इसलिए राज्य सरकार के स्टॉक सीमा संबंधी आदेश से कीमतों पर ज्यादा असर नहीं होगा। केंद्र सरकार ने भी चीनी (नियंत्रण) आदेश 1966 के तहत थोक व्यापारियों के लिए चीनी की अधिकतम स्टॉक सीमा बीस टन तथा स्टॉक बेचने की अधिकतम अवधि 30 दिन निर्धारित की है। (Business Bhaskar)
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