मुंबई 04 22, 2009
सीमेंट के निर्यात पर लगे प्रतिबंध ने खासा असर डाला है। पिछले साल निर्यात पर प्रतिबंध के चलते भवन निर्माण की इस सामग्री का निर्यात वित्त वर्ष 09 में घटकर पिछले 8 साल के न्यूनतम स्तर पर आ गया है।
उद्योग जगत के प्रतिनिधियों और विश्लेषकों का कहना है कि निर्यात के लिहाज से चालू साल भी कुछ अलग नहीं होगा और निर्यात कमोबेश पहले जैसा ही रहेगा। कुल 2120 लाख टन सीमेंट उत्पादन वाले घरेलू सीमेंट उद्योग ने 2008-09 में कुल 32 लाख टन सीमेंट का निर्यात किया।
यह 1814.2 लाख टन के इस साल के कुल घरेलू उत्पादन का महज 1.76 प्रतिशत है। वहीं 2000-01 में सीमेंट उद्योग ने 31.5 लाख टन सीमेंट का निर्यात किया था, जो वित्त वर्ष-09 की तुलना में कम है।
सीमेंट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष हरि मोहन बांगुर ने कहा कि निर्यात में गिरावट की प्रमुख वजह पिछले साल निर्यात पर लगा प्रतिबंध है, जो बाद में आंशिक रूप से और उसके बाद पूरी तरह से हटा लिया गया।
सरकार ने पिछले साल अप्रैल महीने में सीमेंट के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया गया, जिससे महंगाई दर को रोका जा सके। बहरहाल दो महीने के भीतर ही गुजरात से निर्यात की अनुमति दे दी गई- जहां से देश के कुल सीमेंट निर्यात का 90 फीसदी निर्यात होता है।
निर्यात का ज्यादा हिस्सा ईराक, कतर, नेपाल, सूडान, यमन, मोजांबिक और श्रीलंका में भेजा जाता है। सीमेंट की बड़ी कंपनियां, जैसे अंबुजा सीमेंट, अल्ट्राटेक और सांघी इंडस्ट्रीज देश की प्रमुख निर्यातक कंपनियां हैं, जो अपने तटीय संयंत्रों से उत्पादित सीमेंट का निर्यात करती हैं।
अंबुजा सीमेंट के प्रबंध निदेशक अमृतलाल कपूर ने कहा कि प्रतिबंध लगाने का असर निर्यात पर पड़ा है, लेकिन अच्छी बात यह है कि जिस सीमेंट का निर्यात किया जाना था, वह घरेलू बाजार में आ गया और इससे घरेलू बाजार की मांग पूरी की जा सकी।
अंबुजा सीमेंट स्विस सीमेंट कंपनी होलसिम की सहयोगी कंपनी है, जिसने वित्त वर्ष 2009 में 12 लाख टन सीमेंट निर्यात के कांट्रैक्ट को पूरा किया। बहरहाल कंपनी चालू वित्त वर्ष में निर्यात को कम करने की योजना बना रही है।
कपूर ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में हम 8-9 लाख टन से ज्यादा निर्यात नहीं करेंगे, जो क्रमश: घटेगा। निर्यात के बाजार में संभावनाएं नहीं हैं, जो लगातार घट रहा है। पिछले वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही में निर्यात बाजार में कीमतें 60-65 डॉलर प्रति टन थीं। अप्रैल-जून के दौरान निर्यात बढ़ जाता है, लेकिन इस बार इसमें 67 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।
पिछले साल की समान अवधि में हुए 10.5 लाख टन निर्यात की तुलना में इस लाल मात्र 3.4 लाख टन सीमेंट का निर्यात हुआ है। अगस्त के बाद निर्यात में बढ़ोतरी की संभावना है, लेकिन यह इस साल अनुमानित लक्ष्य के बराबर नहीं हो पाएगा। रुपये की कीमतों में गिरावट और समुद्री मार्ग के किरायों में आई कमी के बावजूद निर्यात, गति नहीं पकड़ सका।
उद्योग जगत के विश्लेषकों का कहना है कि बड़े आयातक पश्चिम एशियाई देश हैं, जहां अब सीमेंट की ज्यादा कमी नहीं है। इसकी वजह से घरेलू सीमेंट उद्योग द्वारा निर्यात की स्थिति बेहतर नहीं नजर आ रही है। (BS HIndi)
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