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20 अप्रैल 2009

मांग और आपूर्ति के अंतर से चाय में तेजी

दुनिया भर में मांग और आपूर्ति के अंतर के कारण 2009 में चाय के दामों में बढ़ोतरी की आशंका है। इस साल मार्च में चाय के दाम पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले 32.1 फीसदी बढ़कर 77.6 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गये है। जनवरी में चाय का उत्पादन पिछले साल की इसी अवधि के बराबर ही रहा है। जनवरी 2008 में चाय का उत्पादन 21,570 टन था। उत्तर और दक्षिण भारत में बारिश की भारी कमी और असम में कीटों के प्रकोप से चाय उत्पादन बुरी तरह प्रभावित हुआ है।विशेष कर असम और उत्तरी पश्चिम बंगाल में उत्पादन कम हो सकता है। यहां देश के कुल उत्पादन का 75 फीसदी उत्पादन इन दोनों क्षेत्रों में होता है। इसके चलते चालू साल में देश के चाय उत्पादन में केवल 1.9 फीसदी की बढ़ोतरी हो सकती है। भारत में चाय सीजन जनवरी से शुरु होता है। दूसरी ओर विश्व भर में इसी अवधि में इसकी खपत 2.1 फीसदी बढ़कर 81,900 टन होने का अनुमान है। जबकि कीनिया और श्रीलंका में सूखे जैसी स्थिति के कारण इसका कुल उत्पादन करीब 2.4 फीसदी कम हो सकता है। श्रीलंका का उत्पादन सात साल के निचले स्तर पर पहुंचने की संभावना जताई जा रही है। ऐसे में अगले छह महीनों के दौरान चाय के वैव्श्रिक भाव करीब 25-30 रुपये किलो तक बढ़ सकते हैं।विश्व में कुल उत्पादन का करीब 50 फीसदी चाय भारत में होता है। लिहाजा यहां चाय का बहुत बड़ा और संगठित कारोबार है। इस साल चाय उत्पादन में कमी से यह निवेश का अच्छा विकल्प हो सकता है।विश्व बाजार में इसके दामों में पिछले चार महीनों से लगातार तेजी बनी हुई है। बेंचमार्क मोमबासा `ालिटी चाय का भाव दिसंबर से लेकर अभी तक 20 फीसदी बढ़कर 4 डॉलर प्रति किलो हो गया है। टी बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार देश में 2008 में 98 करोड़ किलो चाय का उत्पादन हुआ है। वर्ष 2007 में चाय का उत्पादन 94.5 करोड़ किलो हुआ था। उत्पादन में बढत के साथ निर्यात भी बढ़ा है। वर्ष 2008 में देश से कुल 19.8 करोड़ किलो चाय का निर्यात हुआ है, जबकि 2007 में महज 17.8 करोड़ किलो का निर्यात हुआ था। कुल उत्पादन का करीब 55 फीसदी तक चाय की बिक्री नीलामी के जरिए होती है। लिहाजा निवेशकों को इसके बोली द्वारा बेचे गये दामों पर विशेष ध्यान देना चाहिए । पिछले तीन सालों से चाय का कारोबार बढ़ा है। इस साल जनवरी-फरवरी में 8.5 करोड़ किलो चाय की नीलामी हुई है, जबकि वर्ष 2008 की इसी अवधि में 7.9 करोड़ किलो चाय की बिक्री हुई थी। इसी तरह 2008 में बोली के द्वारा 54.80 करोड़ किलो चाय की बिक्री हुई है, जबकि वर्ष 2007 के दौरान 54 करोड़ किलो ही चाय की बिक्री हुई थी। देश में कुल चाय उत्पादन का करीब 55 फीसदी हिस्सा अभी भी बोली के द्वारा ही बेचा जाता है। टी बोर्ड के देश भर में कुल छह केन्द्र है जहां पर बोली द्वारा चाय की बिक्री होती है। वर्ष 2003 तक कंपनियों को अपने कुल उत्पादन की 70 फीसदी चाय बोली प्रकिया द्वारा बेचना जरुरी होता था। (Business Bhaskar)

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