मुंबई 04 15, 2009
खाद्य पदार्थों की बढ़ी कीमत से परेशान उपभोक्ता की समस्या और बढ़ सकती है। भंडारण की कमी की आशंका के मद्देनजर जून के बाद चीनी की कीमत बढ़ने की आशंका है।
आर्थिक थिंक टैंक सेंटर फार मानिटरिंग इंडियन इकोनामी (सीएमआईई) ने अपनी हाल की रिपोर्ट में कहा है कि भंडारण में तेज गति से हो रही कमी के कारण कीमत पर दबाव पड़ेगा जिसकी वजह से जून 2009 के बाद चीनी की कीमत फिर ऊपर चढ़ेगी।
सीएमआईई का मानना है कि सरकार जमाखोरी पर रोक लगाकर तथा खुले बाजार में चीनी जारी कर कीमत वृध्दि पर दो और महीने तक रोक लगा पाएगी। रिपोर्ट के अनुसार लगातार दूसरे वर्ष चीनी उत्पादन में कमी से चीनी के भंडारण में भी कमी होगी। फरवरी 2009 में चीनी का उत्पादन 49.6 फीसदी घटकर 26.1 लाख टन रह गया।
इसके कारण अक्तूबर 2008 से फरवरी 2009 के बीच उत्पादन में 26.1 फीसदी की कमी आई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि कुल मिलकार वर्ष 2008-09 सीजन (अक्टूबर-सितंबर) में चीनी का उत्पादन 160 लाख टन रहेगा।
गौरतलब है कि वर्ष 2007-08 में चीनी का कुल उत्पादन 263.36 लाख टन था, जबकि 2006-07 में यह 283.28 लाख टन था। सीएमआई ने वर्ष 2009-10 में चीनी का उत्पादन 225.50 लाख टन रहने का अनुमान लगाया है।
स्टील की मांग बढ़ेगी
सीएमआईई के मुताबिक स्टील की मांग में सुधार हुआ है और यह रुख बरकरार रहेगा। सीएमआईई ने भारतीय अर्थव्यवस्था की मासिक समीक्षा में कहा सरकार द्वारा वित्त पोषित बुनियादी ढांचागत परियोजनाओं का निर्माण कार्य जारी रहने आटोमोबाइल उद्योग का बेहतर प्रदर्शन और स्टील कीमत में 40 से 50 फीसदी की सुधार से इस वस्तु की मांग में बढ़ोतरी हुई है।
मांग में सुधार का असर कीमतों पर भी दिखेगा। नवंबर से फरवरी के बीच भाव में तीव्र गति से कमी के बाद मार्च महीने में स्टील की कीमत में दो से तीन फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई है। बहरहाल सीएमआईई ने कहा कि वित्त वर्ष 2009-10 में मांग में सुधार के बावजूद स्टील कीमतों पर कोई खास असर नहीं दिखेंगे।
संस्थान को उम्मीद है कि बुनियादी ढांचागत परियोजनाओं के कारण मौजूदा वित्त वर्ष में स्टील के उत्पादन में बढ़ोतरी होगी। पुन: ब्याज दरों में कमी और जमीन जायदाद के दाम घटने से वर्ष 2009-10 की दूसरी छमाही से भवन निर्माण व्यवसाय तेज होने से भी सरिया एंगल जैसे लंबे स्टील उत्पादों की मांग में बढ़ोतरी होगी।
सीएमआईई के अनुसार स्टील कंपनियों की उत्पादन क्षमता में 48 लाख टन का इजाफा होगा और कुल तैयार स्टील की क्षमता बढ़कर करीब 7. 0 करोड़ टन हो जाएगी। (BS HIndi)
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें