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18 अप्रैल 2009

सोया, पाम और सूरज मुखी तेल एक दाम पर

विश्व बाजार में यह ऐसा मौका जब पाम, सोया और सूरजमुखी तेलों के बीच का मूल्य का अंतर खत्म हो गया है। इन दिनों पाम तेल पर सूरजमुखी तेल का प्रीमियम नहीं है। तीनों खाद्य तेल लगभग एक ही मूल्य पर बिक रहे हैं। अगर इन तेलों के मूल्य में अंतर है तो सिर्फ भाड़े का है। इन खाद्य तेलों के स्टॉक में आई भारी कमी को इसका कारण माना जा रहा है। कुआलालंपुर के एक विशेषज्ञ के अनुसार सोया और पाम तेल की उपलब्धता में कमी आई है। जिसके चलते दोनों तेलों के दामों में बढ़ोतरी हुई है। साथ ही दोनों तेलों के दामों के बीच का अंतर समाप्त हो गया है। सिंगापुर के एक व्यापारी के अनुसार इस समय ब्राजील से 3000 टन सोया तेल का सौदे 785 डॉलर प्रति टन पर हुआ जो पिछले माह से 25 फीसदी ज्यादा है। पिछले माह दाम 620 डॉलर प्रति टन थे। उन्होंने कहा कि अर्जेंटीना से 5000 टन सोया तेल का सौदा 777 डॉलर प्रति टन पर किया गया। इसी अवधि में मलेशियाई पामोलीन के दाम 630 डॉलर से बढ़कर 780 डॉलर प्रति टन हो गए हैं। अर्जेंटीना से 10,000 टन सूरजमुखी तेल के सौदे 770 डॉलर प्रति टन पर हुए। मलेशिया के निर्यातक ने बताया कि इस समय माल भाडा और उसके आने में लगने वाले समय के आधार पर सौदे हो रहे हैं क्योंकि सभी जगहों पर दाम लगभग बराबर हो गये हैं। पाम तेल की बिक्री ज्यादा हो रही है। साथ ही यूरोप, भारत और अफ्रीकी देशों की ओर से सोया तेल की भी अच्छी मांग है। हालांकि जुलाई, अगस्त और सितंबर के लिए सोया तेल के सौदे 10 डॉलर प्रति टन के प्रीमियम के पर हो रहे है।मलेशियाई पाम तेल बोर्ड ने मार्च में इसके स्टॉक में 2,00,000 टन की भारी कमी का अनुमान लगाया है। उसके अनुसार मार्च में पाम तेल का स्टॉक पिछले महीनें की तुलना में 13 फीसदी कम होकर 13.6 लाख टन रह गया जो पिछले साल नवंबर में 22.7 लाख टन की रिकार्ड ऊंचाई तक पहुंच गया था। पिछले चार साल में मलेशिया के स्टॉक में 40 फीसदी की गिरावट आई है। (Business Bhaskar)

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