जालंधर 04 15, 2009
देश के कुल आलू बीज उत्पादन में 85 प्रतिशत योगदान देने वाले जालंधर क्षेत्र के आलू के बीज के बारे में शिकायतें मिल रही हैं।
बेहतरीन गुणवत्ता वाले बीज उत्पादन के लिए अपनी पहचान बना चुके इस इलाके के लिए यह बड़ा झटका है, क्योंकि मुनाफे में अहम योगदान देने वाले आलू बीज कारोबार पर सवाल उठ रहे हैं।
आलू उत्पादकों का कहना है कि इन बीजों से तैयार किए गए आलू में बहुत बड़ी संख्या में फटे हुए आलू मिल रहे हैं और यहां से बीज खरीदकर बुआई करने वाले अन्य राज्यों के किसानों ने भी कुछ इसी तरह की शिकायत की है।
उत्पादकों ने आरोप लगाया कि एक निजी कंपनी के द्वारा आपूर्ति की गई मूल बीज में ही आनुवांशिक खामी है। यही वजह है कि यहां पैदा किए जाने वाले बीज में खराबी की शिकायत आ रही है। उत्पादकों ने शाहकोट में विरोध प्रदर्शन करके फसल को हुए नुकसान की बात उठाई।
उन्होंने राज्य सरकार से मांग की है कि कंपनी के मूल बीज को नष्ट कराया जाए और साथ ही इस कंपनी से बीज खरीदने वाले किसानों को हर्जाना दिया जाए। अगर ऐसा नहीं किया जाता तो किसान व्यापक पैमाने पर विरोध प्रदर्शन करने को बाध्य होंगे।
इस विरोध प्रदर्शन में आलू उत्पादकों के दो संगठन, कानफेडरेशन ऑफ पोटैटो सीड फॉमर्स (पोस्कोन) और जालंधर पोटैटो ग्रोअर्स एसोसिएशन (जेपीजीए) ने भी हिस्सा लिया। इस मामले में जालंधर के उपायुक्त के पास भी शिकायत दर्ज करा दी गई है।
क्षेत्र के एक प्रमुख बीज उत्पादक सुखजीत सिंह भट्टी ने कहा कि उन्होंने कंपनी से मूल बीज 2003 में खरीदा था और बहुलीकरण करके तीन साल बाद यानी 2006 में पश्चिम बंगाल में आपूर्ति की, लेकिन वहां से शिकायत आने लगी। उन्होंने कहा कि अगले साल भी शिकायतें आईं और वे मामले को कंपनी के पास लेकर गए लेकिन कोई भी सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं आई। (BS Hindi)
16 अप्रैल 2009
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