मुंबई 04 15, 2009
मार्च में वनस्पति तेलों के आयात में अप्रत्याशित रूप से 27.51 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।
आने वाले दिनों में कीमतों में बढ़ोतरी के अनुमान के चलते खाद्य तेलों के प्रसंस्करणकर्ताओं और रिफाइनिंग करने वालों ने अपने भंडारण में बढ़ोतरी की है।
इस साल वनस्पति तेलों का आयात मार्च में बढ़कर 641,141 टन हो गया, जिसमें 609,553 टन खाद्य और 31,588 टन अखाद्य तेल शामिल है। पिछले साल की समान अवधि में 502,827 टन वनस्पति तेल का आयात हुआ, जिसमें 421,686 टन खाद्य और 81,141 टन अखाद्य तेल शामिल रहे।
साल्वेंट एक्सट्रेक्टर्स आफ इंडिया (एसईए) के मुताबिक वैश्विक कीमतों में तेजी और भारतीय बंदरगाहों पर भारी स्टाक के बावजूद देश का वनस्पति तेल आयात मार्च 2009 में 28 प्रतिशत बढ़कर 6. 41 लाख टन हो गया।
एसोसिएशन के कार्यकारी निदेशक बीवी मेहता ने एक बयान में कहा कि यह आश्चर्यजनक है कि भारतीय बंदरगाहों पर और पाइपलाइनों में भारी स्टाक होने तथा अंतरराष्ट्रीय बाजार में पिछले तीन महीनों में मूल्य वृध्दि की अनदेखी करने के बावजूद मास दर मास आयात बढ़ रहा है।
उन्होंने कहा कि वैश्विक कीमतों में सुधार के बावजूद खाद्य तेलों का आयात किया गया है। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में आरबीडी पामोलीन कीमतें बढ़कर 669 डॉलर प्रति टन हो गई हैं जबकि इनकी कीमत नवंबर 2008 में 565 डॉलर प्रति टन थी। उन्होंने कहा कि कच्चे पाम तेल का भाव बढ़कर 589 डॉलर प्रति टन हो गया जो पिछले महीने 475 डॉलर प्रति टन था।
एसईए ने कहा कि इस बीच भारत का वनस्पति तेल का आयात वर्ष 2008-09 के पहले पांच महीनों (नवंबर से मार्च) में पर्याप्त वृध्दि के साथ 35.92 लाख टन हो गया जो वर्ष भर पहले 22.64 लाख टन के स्तर पर था।
एसईए के आंकड़े दिखाते हैं कि नवंबर मार्च की अवधि में खाद्य तेल की खरीद 77 प्रतिशत बढ़कर 34.34 लाख टन हो गई जो वर्ष भर पहले की समान अवधि में 19.34 लाख टन थी। इसके विपरीत समीक्षाधीन अवधि में अखाद्य तेलों का आयात 52 प्रतिशत घटकर 1.58 लाख टन रह गया।
खाद्य तेलों के बढ़े हुए आयात का उदाहरण देते हुए मेहता ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि कम खरीफ फसल के कारण घरेलू तेल उपलब्धता में कमी आई है। इसके अलावा मौजूदा रेपसीड (सरसों) फसल का भी पूरा विपणन नहीं किया गया है क्योंकि अच्छी कीमतों की आस में किसान स्टॉक को रोक रखे हैं तथा इस प्रक्रिया में आयात अभूतपूर्व स्तर तक बढ़ रहा है।
उन्होंने कहा कि इनके अलावा खाद्य तेलों पर शून्य शुल्क के कारण कम कीमत की वजह से खपत भी पर्याप्त बढ़ा है। भारत मुख्य रूप से आरबीडी पामोलीन कच्चा पाम तेल कच्चा सोयाबीन तेल और कच्चा सूरजमुखी तेल विदेशों से खरीदता है। (BS Hindi)
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