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18 अप्रैल 2009

अतिरिक्त कोटे से 15फीसदी ज्यादा चीनी सुलभ होगी बाजार में

चीनी के आसमान चूमते भाव पर लगाम लगाने के लिए तीन माह (अप्रैल-जून) के लिए छह लाख टन का अतिरिक्त कोटा जारी किया है। सरकार ने पिछले साल के 52 लाख टन के मूल कोटे में भी दो लाख टन की बढ़ोतरी की थी। इस तरह इन तीन माह में आठ लाख टन यानि करीब 18 फीसदी ज्यादा चीनी खुले बाजार के लिए उपलब्ध होगी। अतिरिक्त कोटा आने के बाद चीनी के खुले बाजार में दाम गिरते दिखाई दिए।अतिरिक्त कोटे के तहत अप्रैल और मई के लिए ढाई-ढाई लाख टन और ज्यादा चीनी खुले बाजार में बिक्री के लिए उपलब्ध होगी। जून के लिए एक लाख टन अतिरिक्त चीनी की बिक्री होगी। इसके पहले केंद्र सरकार ने अप्रैल के लिए 19.5 लाख टन, मई के लिए 18.5 लाख टन तथा जून के लिए 16 लाख टन चीनी का कोटा जारी किया था। इसके बावजूद पिछले एक महीने में चीनी के दाम करीब 20 फीसदी तक बढ़ गए है। इसको देखते हुए केंद्र ने यह अतिरिक्त कोटा जारी किया है। चीनी का अतिरिक्त कोटा जारी होने के बाद बाजार में भाव गिरते नजर आए। मुजफ्फरनगर में चीनी के दाम 33 रुपये से कम होकर 2616 रुपये प्रति क्विंटल पर आ गए। वही दूसरी ओर चीनी का अतिरिक्त कोटा जारी करने का तात्कालिक असर तो वायदा बाजार पर दिखाई दिया और भाव गिरने लगे लेकिन बाद भाव सुधर गए। एनसीडीईएक्स में अप्रैल वायदा चार रुपये की गिरावट के साथ 2304 रुपये पर बंद हुआ । पैराडाइम कमोडिटी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी बीरेन वकील ने कहा कि चीनी के उत्पादन में भारी कमी को देखते हुए माना जा रहा है कि बाजार में चीनी की उपलब्धता कम ही रहेगी। इसको देखते हुए अतिरिक्त कोटा जारी करने का कोई खास असर नहीं होगा। उन्होंने कहा कि मुनाफावसूली के चलते जरूर कुछ समय के लिए हल्की गिरावट आ सकती है। इस साल देश में 155 लाख टन चीनी उत्पादन का अनुमान लगाया जा रहा है। पहले यह 220 लाख टन होने का अनुमान लगाया गया था। हालांकि यूएसडीए की रिपोर्ट में भारत का इस साल के लिए चीनी उत्पादन 163 लाख टन होने की उम्मीद जताई गई है।चालू फसल सीजन में देश में गन्ने के बुवाई क्षेत्रफल में आई कमी से देश में चीनी के उत्पादन में भारी कमी आई है। इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) के अनुसार चालू सीजन में देश में चीनी का उत्पादन घटकर 146 लाख टन रहने की आशंका है। जबकि 80 लाख टन बकाया स्टॉक को मिलाकर कुल उपलब्धता 226 लाख टन की ही बैठेगी।देश में चीनी की सालाना खपत करीब 220 लाख टन की होती है। ऐसे में नई फसल के समय चीनी का बकाया स्टॉक न के बराबर बचेगा। हालांकि चीनी की तेजी को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने अप्रैल से जून की तिमाही के लिए चीनी का कोटा बढ़ाकर 54 लाख टन का जारी किया था लेकिन कोटा ज्यादा आने के बावजूद भी भाव तेज बने रहे। (Business Bhaskar)

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