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18 अप्रैल 2009

खुले बाजार के लिए 6 लाख टन अतिरिक्त चीनी

नई दिल्ली : सरकार ने अप्रैल-जून के दौरान खुले बाजार में बिक्री का कोटा बढ़ा दिया है। उसने इस दौरान अतिरिक्त 6 लाख टन चीनी जारी करने का फैसला किया है। दरअसल चीनी की खुदरा कीमतें पिछले कुछ दिनों से आसमान छू रही हैं। पिछले एक पखवाड़े में इसके दाम में 11 से 17 फीसदी तक का इजाफा हो चुका है। खुदरा बाजार में इसका भाव 28.50 रुपए प्रति किलो पर पहुंच गया है। इसकी वजह गन्ने की जबरदस्त कमी बताई जा रही है। गन्ने का दाम 81.50 रुपए प्रति क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य से दोगुना हो चुका है। खाद्य मंत्रालय ने चीनी की कमी होने की अटकलों को खारिज कर दिया है। उसके मुताबिक, कीमतों में इजाफा होने की वजह किल्लत नहीं बल्कि इस आशंका से हो रही सट्टेबाजी है। आधिकारिक बयान के मुताबिक, सरकार ने मिलों के लिए मासिक कोटे को घटाकर साप्ताहिक और पाक्षिक कर दिया है। सरकार मिलों से अपनी बिक्री के आंकड़े नियमित रूप से खाद्य मंत्रालय के पास जमा कराने के लिए कहेगी। सरकारी आदेश का पालन सुनिश्चित करने के लिए नियमित रूप से स्टॉक पर कड़ी नजर रखने के प्रस्ताव पर विचार हो रहा है। चीनी के दाम में तेज उछाल की बड़ी वजह गन्ने की कमी के चलते पेराई अक्टूबर की बजाय नवंबर के अंतिम दिनों में शुरू होना है। यह राजनीतिक रूप से संवेदनशील कमोडिटी की कीमतों को काबू में रखने की कोशिश कर रही सरकार के लिए बुरी खबर है। इसके लिए उसने कच्ची और रिफाइंड दोनों तरह की चीनी से आयात शुल्क हटा लिया था। इधर, जानकारों की राय में गरमी जल्द शुरू होना भी चीनी के लिए बुरा संकेत है। इससे भी चीनी के भाव में गरमी आ रही है। पिछले पखवाड़े में चीनी के दाम थोक बाजारों में 30 रुपए प्रति क्विंटल तक उछल गए हैं। दिल्ली में इसका भाव 2,700 रुपए, भोपाल में 2,750 रुपए और 2,900 रुपए प्रति क्विंटल बोला जा रहा है। उत्तर प्रदेश में चीनी का फैक्टरी मूल्य 2,550 से 2,100 रुपए प्रति क्विंटल के दायरे में है। उत्तर प्रदेश में इस समय गन्ने का भाव 135 रुपए से 190 रुपए प्रति क्विंटल के बीच है। अभी सरकार द्वारा वर्ष 2009-10 के लिए चीनी का न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी जारी होना बाकी है। अगले सीजन में गन्ने का बुवाई रकबा बढ़े, इसके लिए जरूरी है कि सरकार जल्द एमएसपी का एलान करे। जानकारों ने बताया है कि यूपी के गन्ना किसानों को मार्च के अंत और अप्रैल के शुरू में सहारनपुर के दया शुगर मिल और उत्तरांचल के इकबालपुर में महालक्ष्मी शुगर मिल्स से 190 रुपए प्रति क्विंटल का भाव मिला था। देवबंद के त्रिवेणी शुगर मिल्स को गन्ना किसानों को इस सीजन में 175 रुपए प्रति क्विंटल का भाव देना पड़ा था। मुख्य रूप से दूसरे फसलों के मुकाबले गन्ने के एमएसपी में अंतर होने से इसका बुवाई रकबा 35 से 40 फीसदी घटा है। पंजाब और हरियाणा में गन्ने की कीमत चढ़कर 170 से 180 रुपए के स्तर पर पहुंच गई है जबकि कर्नाटक के चीनी मिलों ने गन्ने के लिए 180 रुपए प्रति क्विंटल तक का भुगतान किया है। उत्तर प्रदेश में चीनी उत्पादकों को तो गुड़ उत्पादकों से भी प्रतिस्पर्धा करनी पड़ रही है। दिल्ली में गुड़ का भाव 2750-2850 रुपए और मुजफ्फरनगर में 1040-1080 प्रति 40 किलो का भाव चल रहा है। (ET Hindi)

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