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17 अप्रैल 2009

मंडियों में बढ़ती ही जा रही है चीनी की कीमत

नई दिल्ली 04 16, 2009
उत्तर प्रदेश की मंडियों में पिछले तीन दिनों में चीनी की कीमत में 3 रुपये प्रति किलोग्राम की बढ़ोतरी हो गयी है।
उत्तर प्रदेश की मिलें फिलहाल बाजार में 2700 रुपये प्रति क्विंटल की दर से चीनी की आपूर्ति कर रही हैं। तीन दिन पहले उत्तर प्रदेश में चीनी के भाव 2400 रुपये प्रति क्विंटल थे। हालांकि दिल्ली की मंडी में चीनी की कीमत पिछले तीन दिनों से 2550-2600 रुपये प्रति क्विंटल के स्तर पर कायम है।
दिल्ली के चीनी कारोबारियों के मुताबिक उत्तर प्रदेश में लगने वाले प्रवेश शुल्क के कारण वहां चीनी दिल्ली के मुकाबले महंगी है। दिल्ली में चीनी की आपूर्ति मुख्य रूप से महाराष्ट्र से हो रही है। कारोबारियों ने बताया कि प्रवेश शुल्क के कारण उत्तर प्रदेश के चीनी कारोबारी बाहर से चीनी मंगाने के बजाए स्थानीय मिल वालों से चीनी की खरीदारी करते हैं।
कीमत में लगातार बढ़ोतरी के बारे में पूछने पर कारोबारी कहते हैं कि सिर्फ चीनी के लिए स्टॉक सीमा तय करने से काम नहीं चलेगा। सरकार को चाहिए कि मिल वालों के लिए हर सप्ताह एक निश्चित मात्रा में बाजार में चीनी जारी करना अनिवार्य कर दे।
फिलहाल सरकार हर माह के लिए चीनी का एक निर्धारित कोटा जारी करती है और मिलों को उस पूरे माह में उतनी मात्रा में चीनी बाजार में देनी पड़ती है। कई बार मार्च के लिए जारी कोटे की चीनी अप्रैल माह में भी जारी की जाती है।
कारोबारियों ने यह भी कहा कि हर राज्य को चीनी पर लगने वाले 4 फीसदी बिक्री कर को वापस ले लेना चाहिए। इससे भी चीनी की कीमत को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी। दूसरी तरफ मिल मालिकों का कहना है कि सरकार ने शुल्क मुक्त 10 लाख टन चीनी आयात करने की इजाजत दे दी है लेकिन इस आयात को अंजाम देने में कम से कम एक माह का समय लग जाएगा।
उधर पाकिस्तान में भी चीनी के उत्पादन में गिरावट है। चीनी के विश्व उत्पादन में 4-5 फीसदी की कमी का अनुमान है। मिल मालिक यह भी कह रहे हैं कि रिफाइन चीनी के आयात पर लगने वाले शुल्क की समाप्ति के साथ ही ब्राजील जैसे देश चीनी की कीमत में बढ़ोतरी कर देंगे। इस साल देश में पिछले साल के मुकाबले चीनी के उत्पादन में 90 लाख टन की कमी है।
हालांकि चीनी कारोबारियों का कहना है कि रिफाइन चीनी के आयात की इजाजत सभी कारोबारियों को मिलने से समस्या का समाधान हो सकता है। फिलहाल सरकारी एजेंसी के जरिए ही 10 लाख टन रिफाइन चीनी का आयात किया जाएगा। (BS Hindi)

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