मुंबई July 31, 2009
कच्चे हीरे का खनन करने वाली विश्व की सबसे बड़ी कंपनी डी बीयर्स इस साल कच्चे हीरे के उत्पादन में 50 फीसदी तक की कटौती करने पर विचार कर रही है।
नतीजतन, इस साल कच्चे हीरे की आपूर्ति में कमी की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। इस बारे में कंपनी के प्रबंध निदेशक गरेथ पेनी ने कहा, 'वैश्विक वित्तीय संकट के कारण मांग में खासी कमी आई है और इस वजह से खपत के कम रहने की संभावना है जिसे अधिक उत्पादन करना तर्कसंगत नहीं हैं।'
पिछले साल कंपनी और इसकी सहयोगी इकाई ने 48.1 मिलियन कैरेट कच्चे हीरे का उत्पादन किया था, हालांकि, यह वर्ष 2007 में उत्पादित 51.1 मिलियन कैरेट के उत्पादन से थोड़ा कम रहा। मौजूदा साल के पहले छह महीने में डी बीयर्स 6.6 मिलियन हीरे का उत्पादन किया था जो पिछले साल की समान अवधि की तुलना में मांग घटने की वजह से 73 फीसदी कम है।
पहले से तैयार योजना के अनुसार यह कटौती साल की पहली तिमाही में खास तौर पर की गई और इस अवधि के दौरान साल-दर-साल के हिसाब से उत्पादन में 91 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी। दक्षिण अफ्रीका और कनाडा साथ ही कंपनी के बोस्तवाना और नामीबिया में संयुक्त उपक्रम में प्रोडक्शन हॉलीडे की वजह से उत्पादन में यह कमी दर्ज की गई।
साल की दूसरी छमाही में कंपनी भारत में दीवाली और अमेरिका में क्रिसमस साथ ही नव वर्ष को देखते हुए को देखते हुए दूसरी छमाही में उत्पादन में बढ़ोतरी कर सकती है। डी बीयर्स जिसकी विश्व में कच्चे की हीरे की बिक्री में 40 फीसदी हिस्सेदारी है, ने भारत में हीरे के कारखानों को अर्थव्यवस्था में सुधार के मजबूत संकेत मिलने तक भविष्य की कारोबारी योजना को लेकर सतर्क रवैया अपनाने को कहा है।
पेनी ने भारत में हीरे का प्रसंस्काध्स करने वाली कंपनियों को सीधे तौर पर कच्चे हीरे की आपूर्ति की संभावना से इनकार किया और कहा कि नामिबिया को की गई आपूर्ति का फैसला एक बार का था और किसी भी परिस्थिति में इसे दोहराया नहीं जाएगा।
भारतीय हीरा प्रसंस्करण कंपनियां ज्यादातर कच्चे हीरे डी बीयस से साइटहोल्डिंग से खरीदते आ रही है लेकिन डी बीयस भारत में साइटहोल्डिंग की संख्या में इजाफा नहीं करने जा रही है। डी बीयर की विपणन इकाई डायमंड ट्रेडिंग कॉर्पोरेशन (डीटीसी) के प्रबंध निदेशक वर्दा शिने कहते हैं 'वैश्विक मंदी ने जब से पहली बार हीरा उद्योग को प्रभावित किया है तब से हमें भविष्य में कारोबार बाजार में मांग को देखते हुए निर्धारित करना पड़ रहा है।' (BS Hindi)
01 अगस्त 2009
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