मुंबई August 20, 2009
तांबे की कीमतों में इस समय मजबूती के संकेत मिल रहे हैं। उम्मीद की जा रही है कि कीमतें इस साल 6500 डॉलर प्रति टन और अगले साल तक 7500 डॉलर प्रति टन के पार पहुंच जाएंगी।
लंदन स्थित प्रमुख शोध फर्म गोल्ड फील्ड मिनरल्स सर्विसेज (जीएफएमएस) ने कहा है कि बढ़त का यह दौर 2012 तक जारी रहने की उम्मीद है। मूल धातु क्षेत्र में तांबे की कीमतों में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी हो रही है। वर्तमान में इसकी कीमतें 3051 डॉलर प्रति टन के दोगुने से भी ज्यादा होकर 6,419 डॉलर प्रति टन पर पहुंच गई हैं।
रिपोर्ट में कहा गया कि कीमतें उच्च स्तर पर पहुंचने के बाद मुनाफावसूली के चलते कीमतों में 5 प्रतिशत की गिरावट आई है, लेकिन इसकी भरपाई जल्द ही हो जाएगी। तांबे का उत्पादन इस साल कम रहा और चीन में खपत ज्यादा होने की वजह से साल 2009 के दौरान मांग बनी रही। इसका परिणाम यह हुआ कि 2009 में अतिरिक्त भंडार हाल के 441,000 टन से घटकर 245,000 टन रह गया है।
कुछ निवेशकों की मुनाफावसूली के कारण भंडारण में कमी आई है। खासकर चीन ने कीमतों में कमी लाने में अहम भूमिका निभाई, हालांकि यह बहुत ही कम समय के लिए हुआ। बहरहाल मांग और आपूर्ति की स्थिति बेहतर है। इस साल की चौथी तिमाही में सकारात्मक ट्रेंड का अनुमान लगाया जा रहा है।
अगर कीमतें 6500 डॉलर प्रति टन के ऊपर जाती हैं तो इससे चौथी तिमाही में कीमतों का औसत 6000 डॉलर प्रति टन हो जाएगा। इसके परिणामस्वरूप वार्षिक औरत 4900 डॉलर प्रति टन हो जाएगा। तांबे की कीमतों का औसत 2010 में 6500 डॉलर प्रति टन हो सकता है। जुलाई के अंत और अगस्त के पहले सप्ताह में निवेश फंडों पर भी प्रभाव पड़ा है। बहरहाल इसे बाजार धारणा के समर्थन की उम्मीद है।
जीएफएमएस ने अनुमान लगाया है कि वैश्विक उत्पादन में 1.6 प्रतिशत की कमी आएगी, जबकि 2008 में उत्पादन में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई थी। हाल में हाजिर बाजार की स्थितियां भी कुछ इसी तरह के संकेत दे रही हैं। चीन के प्रमुख बाजारों में स्पॉट टीसीआरसी अगस्त की शुरुआत में जून के 40 डॉलर प्रति टन से कम होकर 20 डॉलर प्रति टन रह गईं।
खनन में आई कमी और खपत में बढ़ोतरी की वजह से 2010 में 88,000 टन की कमी की आशंका जीएफएमएस ने जाहिर की है। इसके साथ ही कीमतों में सुधार का सीधा प्रभाव भी बाजार में नजर आएगा। निवेशकों के आकर्षण के चलते इसके बाद भी कीमतों में बढ़ोतरी के आसार बन रहे हैं।
मूल धातुओं में सबसे मजबूत
जीएफएमएस के मुताबिक अगले साल तक 7500 डॉलर प्रति टन तक जा सकती हैं कीमतेंबढ़त का दौर 2012 तक जारी रहने के आसारचीन में बढ़ी मांग से कीमतों को लगे पंखतांबे के वैश्विक उत्पादन में भी आएगी (BSकमी
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें