29 अगस्त 2009
एलएमई में तेजी के बाद चीन में भी बेसमेटल्स सुधरे
यूरो के मुकाबले डॉलर के कमजोर होने के कारण शंघाई फ्यूचर एक्सचेंज में शुक्रवार को बेस मेटल्स के भाव तेजी पर रहे। अमेरिकी अर्थव्यवस्था में मजबूती संबंधी आंकड़ों के कारण लंदन मेटल एक्सचेंज (एलएमई) में भी मजबूती दिखाई दी। इसका असर एशियाई बाजारों पर भी देखा गया। विश्लेषकों का कहना है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुधार के अनुमान से शंघाई कॉपर के दाम आने वाले समय में और बढ़ सकते हैं। शंघाई सिफ्को फ्यूचर्स के वरिष्ठ विश्लेषक वांग झुयी ने कहा कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था के आंकड़े जारी होने से बाजार के रुझान में बदलाव आया है। निशेवकों में इसको लेकर विश्वास बढ़ेगा कि विश्व अर्थव्यवस्था में सुधार से मांग बढ़ेगी। ऐसे में आने वाले समय में कॉपर के भाव में तेजी देखी जा सकती है। हालांकि शुक्रवार को कॉपर के वायदा भावों में जो बढ़त देखी गई, वह दोपहर बाद के सत्र में गायब हो गई क्योंकि चीन के शेयर बाजार में गिरावट से बेसमेटल्स में तेजी दिखाई दी। दूसरी छमाही में कर्ज की मांग में गिरावट की आशंका से चीन के शेयरों के भावों में गिरावट रही। नई आपूर्ति की बाजार में खपत को लेकर आशंकित कंपनियां फंड उगाही को लेकर सतर्क हो गई हैं। हालांकि डॉलर में गिरावट, सकारात्मक अमेरिकी अर्थव्यवस्था के आंकड़ों और अमेरिकी शेयर बाजार में बढ़ोतरी से मिले समर्थन के चलते रेड मेटल में बढ़त रही। शांगजियांग नॉनफेरस मेटल्स ट्रेडिंग मार्केट में कॉपर के भाव 50,400 युआन से 50,650 युआन प्रति टन रहे। वहीं, एलएमई में कॉपर 2.4 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 6,420 डॉलर प्रति टन पर रहा। (बिज़नस भास्कर)
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