मुंबई August 30, 2009
मॉनसून का प्रभाव सोने की बिक्री पर भी पड़ने जा रहा है।
बारिश न होने की वजह से ग्रामीण अर्थव्यवस्था में होने वाले बदलाव से दुनिया के सबसे ज्यादा सोने की खपत वाले देश भारत में इस कीमती धातु की खपत में गिरावट की उम्मीद की जा रही है।
ग्रामीण उपभोक्ताओं की क्रय शक्ति इस बात पर निर्भर करती है कि उपज कैसी है। इस साल बारिश कम होने की वजह से उम्मीद की जा रही है कि पैदावार में बहुत कमी आएगी। इसका असर सोने की खरीद पर व्यापक रूप से पड़ने की उम्मीद है।
देश में कुल सोने की मांग में ग्रामीण क्षेत्र की हिस्सेदारी 65 प्रतिशत है, जिस पर कृषि क्षेत्र में हुए नुकसान का व्यापक असर पड़ने की संभावना जताई जा रही है। अब ग्रामीण इलाकों में सोने की मांग इस बात पर निर्भर करेगी कि आने वाले दिनों में मॉनसून किस करवट बैठता है और कृषि का उत्पादन कैसा रहता है।
कृषि विभाग के आकलन के मुताबिक खरीफ की फसलों के उत्पादन में 5 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है। इसका मतलब यह हुआ कि करीब 28,000 करोड़ रुपये का नुकसान होगा, जिसमें चावल, मूंगफली, गन्ने और संभवतया दाल के उत्पादन पर असर पड़ेगा।
लेकिन अन्य जानकारों का मानना है कि खरीफ के चावल उत्पादन में 10 प्रतिशत की गिरावट का मतलब हुआ कि उत्पादन में 80-90 लाख टन की गिरावट होगी, जिसकी कीमत 10,000 करोड़ रुपये होगी।
चालू कैलेंडर साल में सोने की खपत में गिरावट को ध्यान में रखते हुए सोने का प्रचार-प्रसार करने वाली वैश्विक संस्था वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (डब्ल्यूजीसी) ने एक महीने लंबी प्रदर्शनी का आयोजन देश के 5 शहरों में करने का फैसला किया है। उद्देश्य यह है कि पीली धातुओं का प्रचार-प्रसार खास शहरों में किया जा सके।
द ग्रेट इंडियन गोल्ड रश नाम से ट्रेड शो का आयोजन 19 सितंबर को मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरु, कोलकाता और गुजराज में स्थानीय जौहरियों के सहयोग से किया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक काउंसिल ने यह भी फैसला किया है कि नियमित ग्राहकों को पुरस्कृ त किया जाए। इसमें पुरस्कार राशि 2.2 करोड़ रुपये रखी गई है।
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के भारतीय उपमहाद्वीप के प्रबंध निदेशक अजय मित्रा ने कहा, 'शहरी इलाकों में करीब 35 प्रतिशत सोने की खपत होती है, यहां पर प्रोत्साहन के लिए डब्ल्यूजीसी और अन्य संगठन जिसमें जेम्स ऐंड ज्वेलरी एक्सपोर्ट प्रोमोशन काउंसिल (जीजेईपीसी), जेम्स ऐंड ज्वेलरी फेडरेशन (जीजेएफ) शामिल हैं, मिलकर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन करेंगे। बहरहाल ग्रामीण इलाकों में अगर मांग में कमी आती है तो उस घाटे की भरपाई शहरी इलाकों से नहीं की जा सकती है।'
बहरहाल सोने की कीमतें लगातार 14,500 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर बनी हुई हैं। इसके चलते पिछले तीन महीने से उपभोक्ताओं में उत्साह की कमी नजर आ रही है। (बीएस हिन्दी)
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