देश में गन्ना उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार किसानों और चीनी उद्योग को महज चार फीसदी ब्याज दर पर कर्ज देगी। गन्ना किसानों को बीज, खाद एवं कीटनाशक खरीदने के लिए और मिल मालिकों को भी नए सीजन में गन्ने की क्रशिंग तथा रॉ-शुगर को प्रोसेस करने वाली मशीनरी खरीदने के लिए केंद्र सरकार चार फीसदी ब्याज दर पर ऋण मुहैया कराएगी। खाद्य एवं उपभोक्ता मामला मंत्रालय ने शुक्रवार को जारी एक सूचना में यह जानकारी दी है।
वर्ष 2009-10 में चीनी का उत्पादन बढ़ाने के लिए ये ऋण शुगर डेवलमेंट फंड से किसानों और चीनी उद्योग को दिए जाएंगे। शुक्रवार को जारी एक बयान में केंद्र सरकार ने कहा है कि गन्ना उत्पादन में गिरावट को थामने के लिए ही सरकार ने यह कदम उठाया है।केंद्र सरकार चीनी मिलों को 31 दिसंबर तक फंड मुहैया करा देगी और वे इसे 31 मार्च 2010 तक किसानों को उपलब्ध करा देंगी। इसी तरह जो चीनी मिलें 30 नवंबर 2009 तक ऋण के लिए आवेदन करेंगी उन्हें 31 दिसंबर 2009 तक ऋण उपलब्ध करा दिया जाएगा। भारत में 30 सितंबर को समाप्त होने वाले विपणन वर्ष में चीनी उत्पादन घटकर 150 लाख टन रह जाने का अनुमान है। आगामी विपणन (मार्केटिंग) वर्ष 2009-10 में भी चीनी उत्पादन मामूली बढ़ोतरी के साथ 160 लाख टन ही होने का अनुमान है, जबकि घरेलू खपत करीब 225 लाख टन है। (Business Bhaskar)
22 अगस्त 2009
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