नई दिल्ली August 25, 2009
धान के रकबे में गत 31 जुलाई से 13 अगस्त के बीच 7 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
31 जुलाई तक पिछले साल के मुकाबले धान के रकबे में 25.5 फीसदी की कमी थी जो घटकर 18.8 फीसदी रह गई है। दलहन, मक्का, कपास के रकबे में भी बढ़ोतरी आई है।
धान
कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक बिहार, छत्तीसगढ़ एवं उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में 31 जुलाई से 13 अगस्त के बीच सामान्य के आसपास बारिश होने के कारण धान के रकबे में इजाफा हुआ है।
जुलाई आखिर तक देश भर में 191.30 लाख हेक्टेयर जमीन पर धान की रोपाई की गई थी जो 13 अगस्त तक बढ़कर 247.39 लाख हेक्टेयर हो गई। पिछले साल की समान अवधि के दौरान 304.49 लाख हेक्टेयर जमीन पर धान की रोपाई की गई थी।
मक्का
13 अगस्त तक मक्के की बुआई 67.55 लाख हेक्टेयर जमीन पर की गयी है जो कि पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 2.6 फीसदी अधिक है। पिछले साल इस अवधि तक 65.87 लाख हेक्टेयर जमीन पर मक्के की बुआई की गई थी।
हालांकि ज्वार के रकबे में पिछले साल के मुकाबले 0.1 फीसदी की गिरावट है जबकि बाजरा का रकबा इस साल अब तक 3.9 फीसदी की बढ़ोतरी दिखा रहा है।
दलहन
दाल की कीमतों में खासकर अरहर दाल में भारी उछाल के कारण इस साल दलहन के रकबे में 13 अगस्त तक पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 7.3 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
अरहर के रकबे में 11.6 फीसदी का इजाफा दर्ज किया गया है। अब तक अरहर, उड़द, मूंग एवं अन्य दलहन की बुआई 88.24 लाख हेक्टेयर जमीन पर की गयी है जबकि पिछले साल 82.25 लाख हेक्टेयर पर इनकी बुआई हुई थी।
तिलहन
तिलहन के रकबे में पिछले साल के मुकाबले 31 जुलाई से 13 अगस्त के बीच 5 फीसदी की गिरावट आयी है।
31 जुलाई तक तिलहन का रकबा पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले सिर्फ 2 फीसदी कम था जो कि 13 अगस्त तक 7 फीसदी कम हो गया। हालांकि सोयाबीन का रकबा पिछले साल के मुकाबले 1.1 फीसदी बढ़ा है लेकिन मूंगफली के रकबे में 23 फीसदी की कमी दर्ज की गयी है।
कपास एवं गन्ना
कपास का रकबा इस साल 13 फीसदी तक बढ़ा हुआ है और अब तक 93.69 लाख हेक्टेयर जमीन पर कपास की बुआई हो चुकी है।
गन्ने के रकबे में गत 31 जुलाई के मुकाबले कोई अंतर नहीं आया है और यह पिछले साल के मुकाबले 2।9 फीसदी कम बताया जा रहा है। (बीएस हिन्दी)
26 अगस्त 2009
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें