26 अगस्त 2009
पोर्ट पर चीनी और दालों के भंडारण में काफी सख्ती
केंद्र सरकार ने आयातकों को पोर्ट पर चीनी और दालों का भंडार 30 दिन से ज्यादा नहीं रखने के निर्देश दिए हैं। साथ ही भंडारण की दरों में काफी इजाफा कर दिया है ताकि इन वस्तुओं की जमाखोरी नहीं की जा सके। इस बारे में अधिसूचना बुधवार को जारी किए जाने की संभावना है। जहाजरानी मंत्रालय ने 21 अगस्त के एक आदेश में स्टॉक उठाने की मुक्त अवधि तीन दिन कर दी है, जो पहले 15 दिन थी। अब चार से दस दिन के लिए स्टोरेज की दरें दोगुनी कर दी गई हैं। वहीं 11-20 दिन की भंडारण की दरें तीन गुनी और 21-30 दिन की दरें चार गुनी कर दी गई हैं। एक सरकारी सूत्र के अनुसार आदेश में कहा गया है कि तीन दिनों के बाद कोई भी माल पोर्ट पर नहीं रुकना चाहिए। इसके बाद सरकार स्टॉक की नीलामी करने का कदम उठा सकती है। यह आदेश अगले साल की 31 मार्च या अगली अधिसूचना जारी होने तक लागू रहेगा। एक साल में चीनी की कीमतें 35 रुपए प्रति किग्रा तक हो गई है। तुअर दाल की कीमतें चार माह में 50 फीसदी बढ़कर 90 रुपए प्रति किग्रा हो गई है। अधिकारियों के अनुसार सरकार के इस कदम का मकसद दालों और चीनी की जमाखोरी रोकना है। इस बारे में एक अधिसूचना टैरिफ अथारिटी फॉर मेजर पोट्र्स (टैम्प) से बुधवार को जारी होने की संभावना है। उसी को इस बारे में शुल्क निर्धारित करने के अधिकार हैं। जहाजरानी मंत्रालय ने टैम्प से बढ़ी हुई दरें जारी तत्काल लागू करने के लिए कहा है। माना जा रहा है कि पोर्ट पर बड़ी मात्रा में चीनी और दलहन का भंडार पड़ा है। दलहन आयातकों के एसोसिएशन का कहना है कि 3।73 लाख टन अरहर दाल पोर्ट पर पड़ी है। (बिज़नस भास्कर)
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