25 अगस्त 2009
जब्त चीनी पर फैसला नहीं होने से व्यापारियों में रोष
मध्य प्रदेश में चीनी पर स्टॉक लिमिट लागू होने के बाद राज्य सरकार ने 14 अगस्त से चीनी गोदामों पर छापे की कार्रवाई शुरू कर दी थी। करीब दो दर्जन से अधिक जिलों में सौ से अधिक स्थानों पर मार गए छापों में अब तक लगभग 45 हजार क्विंटल चीनी जब्त की गई है। जब्त की गई चीनी की कीमत करीब ख्फ् करोड़ रुपये है। व्यापारियों का तर्क है कि चीनी जल्द खराब होने वाली वस्तु है। इसलिए सरकार को इस संबंध में जल्द फैसला लेना चाहिए। हालांकि, पिछले तकरीबन 10 दिनों से सरकार द्वारा फैसला नहीं लेने से व्यापारियों में रोष है। मध्य प्रदेश शक्कर एसोसिएशन के अध्यक्ष और इंदौर के थोक चीनी व्यापारी रमेश खंडेलवाल ने कहा कि सरकार ने पहले जो अधिसूचना जारी की, उसकी जानकारी व्यापारियों तक अधिसूचना जारी होने के 15 दिन बाद मिली। वहीं दूसरी ओर छापों के दौरान जब्त की गई चीनी के एवज में शुरुआत में बैंक गारंटी मांगी गई है। खंडेलवाल के अनुसार अगर व्यापारी जब्त शक्कर के एवज में बैंक गारंटी दे दे तो वह धंधा कैसे करगा। उन्होंने कहा कि इंदौर में एडीएम ने जिले में जब्त की गई चीनी के संबंध में सुनवाई सोमवार को पूरी की है और एक-दो दिन में इस संबंध में निर्णय हो जाएगा। अखिल भारतीय व्यापार महासंघ के महामंत्री अनुपम अग्रवाल ने कहा कि शक्कर जल्द खराब होने वाली सामग्री है, इसलिए मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखकर मांग की गई है कि इस संबंध में जल्द निर्णय लिया जाए। (Business Bhaskar)
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