नई दिल्ली : घरेलू बाजार में मिर्च की अपेक्षाकृत अधिक कीमतों की वजह से इस साल अप्रैल से जून के बीच इसके निर्यात में 44 फीसदी की गिरावट आई है। दरअसल अंतरराष्ट्रीय और घरेलू भाव के बीच इतना कम फासला रह गया है कि मिर्च निर्यात कारोबारियों के लिए मुनाफे का सौदा नहीं दिख रहा। इस साल देश से होने वाले मसालों के निर्यात में अप्रैल से जून के दौरान पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले 19 फीसदी की कमी दर्ज की गई है। स्पाइसेज बोर्ड इंडिया के डिप्टी डायरेक्टर (व्यापार सूचना) शिवकुमार के मुताबिक, 'मसालों के निर्यात में सबसे ज्यादा गिरावट लाल मिर्च में देखी गई है। इसकी वजह इसकी कीमतों में अंतरराष्ट्रीय और घरेलू बाजार में बना हुआ अंतर है।
इंटरनेशनल ट्रेडर्स के साकेत अग्रवाल के मुताबिक, 'मिर्च की कीमतें 7,000-7,200 रुपए प्रति क्विंटल तक चली गईं थीं। इतने ऊंचे स्तर पर कारोबारियों के लिए निर्यात करना फायदे वाला सौदा नहीं रह गया था।' कारोबारी उम्मीद जता रहे हैं कि अगले कुछ महीनों में नई फसल के आने से कीमतों में कुछ नरमी आ सकती है जिससे निर्यात में फिर से रफ्तार पैदा हो सकती है। इस साल अप्रैल से जून के बीच 37,500 टन मिर्च का निर्यात हुआ, जबकि साल 2008 की इसी अवधि में 67,100 टन मिर्च निर्यात हुई थी। इसके अलावा इस दौरान काली मिर्च के निर्यात में भी 33 फीसदी की गिरावट आई है। साल 2009 के अप्रैल से जून के बीच देश से कुल 1.22 लाख टन मसालों का निर्यात हुआ है, जबकि पिछले साल की इसी अवधि में देश से 1.50 लाख टन मसाले निर्यात किए गए थे। साल की बकाया अवधि में मसालों का निर्यात इनके घरेलू उत्पादन और अंतरराष्ट्रीय बाजार के मुकाबले इनकी कीमतों के प्रतिस्पर्धी होने पर टिका रहेगा। शिवकुमार के मुताबिक, 'मसालों का निर्यात बडे़ स्तर पर विदेशी बाजारों के मुकाबले इनकी कीमतों पर निर्भर करेगा। मिर्च की फसल साल के अंत तक आएगी। पिछले महीने तक आंध्र प्रदेश में कम बारिश की वजह से इसके उत्पादन पर संकट गहराया हुआ था, लेकिन इस महीने की बारिश से उत्पादन में काफी सुधार आने की संभावना है।' हल्के रहे मानसून की वजह से मिर्च उत्पादन वाले कई राज्यों में इसकी बुआई में देरी हुई है। देश में करीब आठ लाख टन मिर्च का सालाना उत्पादन होता है। कुल मिर्च उत्पादन का 90 फीसदी हिस्सा घरेलू बाजार में खप जाता है। देश से मसालों में सबसे ज्यादा मिर्च का निर्यात होता है। साल 2008-09 में देश से 4.70 लाख टन मसालों निर्यात किया गया था। इस दौरान मिर्च का निर्यात करीब 1.88 लाख टन रहा था। इस तरह से कुल निर्यात में इसकी हिस्सेदारी करीब 40 फीसदी रही थी। इस वक्त घरेलू बाजार में मिर्च की कीमतें 6,000 रुपए प्रति क्विंटल के स्तर पर चल रही हैं। (ET Hindi)
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