25 अगस्त 2009
विदेशों से फल आयात कर रहे हैं ब्रांडेड रीटेलर्स
नई दिल्ली : घरेलू बाजार में फलों के बढ़ते दामों को देखते हुए ब्रांडेड रीटेलर और आयातक विदेशों से फलों का आयात करने की योजना बना रहे हैं। उनके मुताबिक विदेश से सीधे आयात करने से बिचौलियों की भूमिका खत्म होगी और ज्यादा मात्रा में माल मंगाने से दाम घरेलू बाजार की तुलना में कम होंगे। सब्जियों और फलों की रीटेल चेन ब्रांड 'बिग एप्पल' और एक्सप्रेस रीटेल सर्विस प्राइवेट लिमिटेड के प्रेसिडेंट आनंद मूर्ति ने कहा, 'कंपनी सिंगापुर और चीन से सीधे फल आयात करने की तैयारी कर रही है। हम महीने में 1-2 कंटेनर यानी 30-40 टन सेब आयात करेंगे। इससे सेब की कीमतें हमें घरेलू मार्केट से कम पड़ेगी, क्योंकि बीच में कोई भी बिचौलिया नहीं होगा। कंपनी ज्यादा क्वांटिटी में माल मंगाएगी तो प्रति किलो दाम घरेलू बाजार की तुलना में कम आएगा।' मूर्ति ने कहा कि बिचौलिए (आयातक) 20-25 फीसदी बीच में मार्जिन लेते हैं और देश में खराब मानसून के कारण दाम पिछले साल की तुलना में लगभग दुगने हैं। मूर्ति ने कहा, 'रीटेल में सेब के दाम 160-190 रुपए पहुंचने पर उनकी सेब की बिक्री 60 टन से घटकर सिर्फ 15 टन रह गई थी। सेब आयात करने से मौजूदा बिक्री में 75 फीसदी का फायदा हो सकता है।' बिग बाजार से फलों के आयात करने की योजना के बारे में पूछने पर बिग बाजार के प्रवक्ता ने कहा, 'हमारी विदेशों से सीधे माल आयात करने की कोई योजना नहीं है। कंपनी अभी तक आयातकों या सप्लायर से माल खरीदती आई है और अभी भी उन्हीं से माल खरीदा जाएगा।' ग्राहकों को अधिक दाम पर फल उपलब्ध होने को लेकर उन्होंने कहा कि घरेलू बाजार और आयातक से खरीदे माल के दाम अधिक है और ग्राहकों को वही दाम चुकाना पड़ सकता है। फलों के आयातक और वालमार्ट-भारती और बिग बाजार को फल सप्लाई करने वाली वजीरपुर इंडस्ट्रियल एरिया की कंपनी मेकट्रॉनिक प्रोडक्ट प्राइवेट लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर विनय शर्मा ने कहा, 'विदेशों से माल मंगाने पर भी दाम घरेलू बाजार की तुलना में 20 फीसदी तक अधिक रह सकते हैं क्योंकि उनकी क्वालिटी घरेलू बाजार से अच्छी होती है।' जबकि फल आयातक कमोडिटी एंटरप्राइज के मालिक उमाशंकर ने कहा, 'यदि क्वांटिटी अधिक हो तो, आयातित माल की कीमत घरेलू बाजार से कम होगी। क्योंकि आयातक और मिडलमैन बाजार में माल सप्लाई करने पर अपना माजिर्न जोड़ेंगे और ग्राहकों तक माल पहुंचने पर कीमतें अधिक हो जाती है।' दिल्ली के बाजारों में इस वक्त सेब के थोक मूल्य दाम 60-80 रुपए प्रति किलो है। हिमाचल की सेब की वेरायटी रेड चीफ 2,100 रुपए, सुपर रेड चीफ 2,200, रॉयल डिलीसियस 1,600-1,700 रुपए प्रति बॉक्स के भाव से दिल्ली के बाजारों में बिक रहे हैं, जो कि पिछले साल की तुलना में लगभग दोगुने दाम हैं। आजादपुर एपीएमसी के सदस्य और फल कारोबारी मेठाराम कृपलानी के मुताबिक, 'फलों की कम आवक हो रही है। साथ ही ये महंगे हैं। हिमाचल प्रदेश में ठीक बारिश न होने की वजह से सेब की फसल पर संकट बना हुआ है।' मूर्ति ने कहा, 'विश्व भर में सेब के दामों में काफी उतार-चढ़ाव है जब चीन, न्यूजीलैंड, ब्राजील में सेब के दाम 60-70 रुपए हैं तब देश में दाम 130 रुपए किलो है।' (ET Hindi)
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