नई दिल्ली: पिछले हफ्तें 33 साल के निम्नतम स्तर पर आने के बाद थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित महंगाई की सालाना दर में 8 अगस्त को समाप्त सप्ताह में मामूली बढ़ोतरी हुई है। यह अब शून्य से नीचे 1.53 फीसदी पर पहुंच गई है। इस बीच मानसून की बेरुखी के साथ खाने-पीने की चीजों के दाम चढ़ते जा रहे हैं। उधर सरकार ने गुरुवार को धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 100 रुपए प्रति क्विंटल और दालों के एमएसपी में 240 रुपए प्रति क्विंटल तक की बढ़ोतरी कर दी। विश्लेषकों का कहना है कि सरकार के इस कदम से दालें और अनाज और महंगे हो जाएंगे। पिछले साल के समान सप्ताह की तुलना में खाद्य वस्तुओं का मूल्य सूचकांक 10.5 फीसदी चढ़ गया। यह लगातार दूसरा हफ्ता रहा जब इसमें कम से कम 10 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई। बहरहाल महंगाई दर में यह बढ़ोतरी भारतीय रिजर्व बैंक की उम्मीदों के अनुसार ही रही।
इससे पहले के सप्ताह में आरबीआई के डिप्टी गवर्नर के सी चक्रवर्ती ने कहा था कि मॉनसून की खराब हालत के चलते महंगाई दर पर दबाव पड़ सकता है और खाने-पीने की चीजें आगामी महीनों में महंगी हो सकती हैं। कुछ विश्लेषकों का मानना है कि आरबीआई पर अब इस बात का दबाव रहेगा कि वह ब्याज दरों में बदलाव न करे। मुद्रास्फीति की दर 8 अगस्त को समाप्त सप्ताह में 0.21 फीसदी बढ़ी। इससे पिछले सप्ताह में यह शून्य से नीचे 1.74 फीसदी पर थी। फलों की कीमतों में 2.6 फीसदी, बाजरा और उड़द में दो-दो फीसदी तथा मसालों और अरहर में एक-एक फीसदी की तेजी रही। अगर साल दर साल के आधार पर देखें तो खाद्य पदार्थों की कीमतों में तेजी कहीं ज्यादा रही। उदाहरण के लिए, सब्जियों की कीमतें करीब 40 फीसदी चढ़ीं और अनाज 11.6 फीसदी, दालें 17.6 फीसदी तथा मसाले 4.7 फीसदी महंगे हुए। महंगाई दर के शून्य से नीचे बने रहने और खाद्य पदार्थों में तेजी जारी रहने को देखते हुए आरबीआई पर ब्याज दरों को यथावत रखने का दबाव रहेगा। क्रिसिल के मुख्य अर्थशास्त्री डी के जोशी ने कहा, 'आरबीआई अगले वित्त वर्ष की पहली तिमाही तक नीतिगत ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं करेगा।' महंगाई दर में यह बढ़ोतरी एक साल पहले के 12.82 फीसदी के बेस इफेक्ट के बावजूद दर्ज की गई है। इसका अर्थ यह है कि अगर पिछले साल के आंकड़े थोड़े कम रहे होते तो ताजा बढ़ोतरी और ज्यादा रहती। एचडीएफसी बैंक की अर्थशास्त्री ज्योतिंदर कौर ने कहा, 'सूखे ने हालात बदतर कर दिए हैं, लेकिन महंगाई दर सितंबर के अंत तक नकारात्मक दायरे में ही रहने की उम्मीद है।' इस बीच सूखे के कारण उत्पादन में कमी की आशंका को देखते हुए सरकार ने किसानों को राहत पहुंचाने का कदम उठाया और धान तथा दालों के एमएसपी में बढ़ोतरी कर दी। आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक के बाद गृह मंत्री पी चिदंबरम ने संवाददाताओं को यह जानकारी दी। सामान्य धान का एमएसपी अब 950 रुपए प्रति क्विंटल जबकि ए-ग्रेड के लिए 980 रुपए प्रति क्विंटल होगा। अरहर दाल के लिए यह 2,300 रुपए और मूंग के लिए 2,760 रुपए होगा। (ET Hindi)
21 अगस्त 2009
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