चेन्नई August 30, 2009
भारतीय बंदरगाहों पर अवैध चीनी और दालें जमा करने को रोकने के लिए बड़े बंदरगाहों के कर प्राधिकरण (टीएएमपी) ने नए दिशा निर्देश बनाए हैं।
इसके मुताबिक इन आवश्यक जिंसों को बंदरगाह पर रखने का समय 3 दिन रखा गया है। यह आदेश शिपिंग मंत्रालय के दिशानिर्देश के तहत जारी किया गया है। बंदरगाह के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जहाजरानी मंत्रालय ने 21 अगस्त को टीएएमपी को एक दिशानिर्देश जारी किया था।
इसमें कहा गया था कि चीनी और दारों को बंदरगाह क्षेत्र में रखने के लिए लाइसेंस शुल्क तथा माल को अधिक समय तक रोकने के लिए हर्जाने के प्रावधान में संशोधन किया जाना चाहिए।
टीएएमपी के आदेशों के मुताबिक, जिसकी प्रति बिजनेस स्टैंडर्ड के पास मौजूद है, सरकार ने आवश्यक वस्तुओं की कीमतो में बढ़ोतरी को देखते हुए चीनी और दालों को बंदरगाह पर रोके रखने के बारे में नए दिशा निर्देश जारी करने का फैसला किया है, जिससे इन जिंसों को बंदरगाहों पर ज्यादा दिन तक रखे जाने से रोका जा सके।
उसके बाद सरकार ने बंदरगाह पर ज्यादा समय तक माल रोकने पर जुर्माना या लाइसेंस शुल्क में बदलाव किया गया, जो चीनी और दालों पर लागू होगी। पुनरीक्षित दिशानिर्देश तत्काल प्रभाव से लागू कर दी गई है, जिसकी अवधि 31 मार्च 2010 तक होगी।
उद्योग जगत के सूत्रों के मुताबिक देश में 20 लाख टन कच्ची चीनी के आयात की जरूरत है। इसके साथ ही 10 लाख टन सफेद चीनी के आयात की भी जरूरत होगी। 2009-10 में 25 लाख टन चीनी आयात की संभावना है। (बीएस हिन्दी)
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