मुंबई August 26, 2009
चालू कैलेंडर वर्ष के दौरान सोने की कीमतों में स्थिरता बनी रहने का अनुमान है। सेंट्रल बैंक गोल्ड एग्रीमेंट (सीबीजीए) पर हस्ताक्षर करने वाले कम बिक्री जारी रखेंगे, जिसकी वजह से आपूर्ति प्रभावित होगी।
केंद्रीय बैंक ने 2009 की पहली छमाही के दौरान कुल 38.5 टन सोना बेचा है, जबकि पिछले साल की समान अवधि में बैंक ने 145.8 टन सोने की बिक्री की थी। चालू कैलेंडर वर्ष की पहली छमाही में बिक्री पिछले 12 साल में सबसे नीचे रही।
केंद्रीय बैंक के मानकों से संकेत मिलते हैं कि सीबीजीए अब ज्यादा सोना रोक रखने पर ध्यान दे रहा है, जिससे भविष्य में क्षमता बनी रहे। इस माह की शुरुआत में सीबीजीए के नए समझौते में सदस्यों ने नई सीलिंग 400 टन की रखी है, जबकि इसके पहले 500 टन थी।
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल द्वारा तैयार किए गए आंकड़ों के मुताबिक, सोने की वैश्विक मांग पिछले 2 साल (2008 और 2007) के दौरान 3804 टन और 3552 टन रही है जबकि इसके बदले आपूर्ति क्रमश: 3512 टन और 3476 टन रही।
चालू कैलेंडर साल के पहली छमाही के दौरान कुल मांग 1765 टन रही जबकि आपूर्ति 2124 टन रही। चीन ने गोल्ड रिजर्व में 75 प्रतिशत की बढ़ोतरी करने की घोषणा की है, जिसके चलते कुल मांग दूसरी छमाही में भी बरकरार रहने की उम्मीद है, जैसा कि पिछले साल भी देखने को मिला था।
वर्तमान सेंट्रल बैंक गोल्ड एग्रीमेंट के मुताबिक बिक्री हाल के महीनों में बहुत धीमी रही। डब्ल्यूजीसी की रिपोर्ट में कहा गया है कि आपूर्ति की इस स्थिति में बदलाव आने की संभावना कम है। 2008 में चीन दुनिया का सबसे बड़ा सोने का बाजार बनकर उभरा।
उम्मीद है कि यह स्थिति आने वाले दिनों में भी जारी रहेगी। चीन में गहनों की मांग में भी महत्वपूर्ण बढ़ोतरी हो रही है। प्रति व्यक्ति खरीद पिछले 5 साल के दौरान 0.2 ग्राम रही है, जबकि भारत में 0.45 ग्राम और अमेरिका में 0.98 ग्राम है।
भारत और चीन दोनों में ही पिछले 5 साल में कारोबार बेहतर रहा है। इसी अवधि के दौरान, नए निवेश की क्षमता में भी बढ़ोतरी हुई है, जो बार और सिक्कों के माध्यम से हुई। जबकि विकसित देशों की अर्थव्यवस्था में नकारात्मक बढ़ोतरी देखने को मिली।
इस साल के दौरान मुंबई के झावेरी बाजार में सोने की कीमतों में 10।43 प्रतिशत की बढ़ोतरी ुहई और यह 15030 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया। लंदन में भी सोने की कीमतों में 8.69 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई और यह 950.5 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गया। एक विश्लेषक ने कहा कि मुनाफावसूली के बाद अब खरीदार कीमतें कम होने का इंतजार कर रहे हैं। (बीएस हिन्दी)
27 अगस्त 2009
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