कोच्चि August 20, 2009
भारत के स्वचालित वाहनों के टायर के निर्यात कारोबार को मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जबरदस्त झटका लगा है।
ऑटोमोटिव टायर मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (एटीएमए)के आंकड़ों के अनुसार इस अवधि के दौरान वर्ष 2008-09 की सामन अवधि के मुकाबले टायरों के निर्यात में 22 फीसदी की कमी आई है। पिछले वित्त वर्ष की अप्रैल-जून की अवधि के 147,09,49 टायर के मुकाबले कुल 114,19,75 टायरों का निर्यात किया गया।
मौजूदा वित्त वर्ष में गिरावट इस मायने में काफी गंभीर बताई जा रही है कि वित्त वर्ष 2007-08 के मुकाबले 2008-09 में टायरों के निर्यात में 8 फीसदी की गिरावट आई थी। 2007-08 में कुल निर्यात में 12 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई थी लेकिन आर्थिक मंदी के कारण 2008-09 में टायर निर्यात पर प्रतिकूल असर पडा।
इस साल के आंकड़े निर्यात में गिरावट की काफी बुरी तस्वीर पेश कर रहे हैं। विभिन्न श्रेणियों मसलन ट्रैक्टर, स्कूटर (दोपहिया) के टायरों की निर्यात में पहली तिमाही में गिरावट दर्ज की गई है। इस साल जीप, एलसीवी और मोटरसाइकिल के टायरां के निर्यात काफी तेज गिरावट आई है जबकि 2008-09 में इसमें तेजी दर्ज की गई थी।
चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में ट्रक और बस टायरों के निर्यात का आंकड़ा 452,745 था जबकि पिछले साल की समान अवधि में यह आंकड़ा 466,012 था। यात्री कार के टायरों के निर्यात में 7 फीसदी की गिरावट आई है।
जीप के टायरों कि निर्यात की बात करें तो 2008-09 की पहली तिमाही के 3327 के मुकाबले सिर्फ 1823 टायरों का निर्यात हुआ जो 45 फीसदी गिरावट की ओर इशारा कर रहा है। (BS Hindi)
21 अगस्त 2009
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