31 अगस्त 2009
नवरात्रि के दौरान ड्राईफ्रूट की मांग बढ़ने के आसार
रमजान और गणोश चतुर्थी के बावजूद ड्राईफ्रूट व्यापारियों को ग्राहकों का इंतजार है। त्यौहारी सीजन में कमजोर ग्राहकी को लेकर ड्राईफ्रूट कारोबारियों का कहना है कि अनाज और दालों के बढ़ते भाव से मध्ययमवर्गीय परिवारों द्वारा ड्राईफ्रूट के उपयोग में कमी आई है। हालांकि व्यापारियों को नवरात्रि पर ड्राईफ्रूट में बड़ी मांग निकलने की उम्मीद है।भोपाल के जुमेराती स्थित श्री कलश ट्रेडर्स के अशोक जैन बताते हैं कि आमतौर पर रमजान के महीने में ड्राईफ्रूट की मांग में इजाफा होता था लेकिन इस बार बाजार पूरी तरह ठंडा बना हुआ है। हालांकि सावन के दौरान मांग में तेजी आई थी जिसके चलते काजू, बादाम सहित अन्य ड्राईफ्रूट के दाम भी बढ़े थे। फिलहाल कमजोर मांग के कारण भाव स्थिर बने हुए हैं। जैन कहते हैं कि रमजान, गणोश चतुर्थी जैसे त्यौहारों में मांग निकलने की वजह दाल सहित अन्य जरूरी चीजों के बढ़े दाम माने जा रहे हैं। आवश्यक खाद्य वस्तुएं महगी होने से मध्यम वर्गीय परिवार पहले की दिनों की तुलना में इस समय ड्राईफ्रूट्स का इस्तेमाल कम कर रहे हैं। चिरौंजी के कारोबार से जुड़े छिंदवाड़ा के मोनू भाई बताते हैं कि मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ से पिछली साल तक रमजान के लिए करीब 1000 बोरी चिरौंजी देश के विभिन्न हिस्सों में भेजी जाती थी। लेकिन इस बार बहुत कम माल भेजा गया है।रायपुर की आरबी ट्रेडिंग कंपनी के शिवकुमार अग्रवाल सूखे को ड्राईफ्रूट्स की कमजोर ग्राहकी का कारण मानते हैं। छत्तीसगढ़ में धान की बुवाई न हो पाने के कारण भी त्यौहारों का मजा फीका है जिसके कारण बाजार में सुस्ती चल रही है। अग्रवाल कहते हैं कि रमजान के आखिर तक मांग निकलने के आसार हैं। वहीं पितृपक्ष के बाद मांग में और तेजी आने की उम्मीद की जा रही है। उन्होंने कहा कि 15 सितंबर से बादाम, अंजीर की नई फसल की आवक के बाद दाम घटने से ड्राईफ्रूट्स की ग्राहकी मंे तेजी आ सकती है। इसी तरह इंदौर में ड्राईफ्रूट्स के कारोबारी अशोक जैन कहते हैं कि फिलहाल बाजार ठंडे चल रहे हैं। लेकिन नवरात्र से मांग में वृद्धि का अनुमान है। उन्होंने बताया कि इस समय भाव में स्थिरता बनी हुई है। बादाम 340 से 355, काजू 280 से 350 रुपये प्रति किलो के बीच चल रहे हैं। (ब्सिनेस भास्कर)
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