मुंबई August 28, 2009
रत्न और आभूषण उद्योग ने देश में अंतरराष्ट्रीय डायमंड एक्सचेंज की शुरुआत करने और इसमें विदेशी भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए परिचालन शुल्क में सुधार की मांग की है।
वाणिज्य मंत्री आनंद शर्मा की भारत में डायमंड ट्रेडिंग एक्सचेंज की शुरुआत करने की घोषणा पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए डायमंड लिमिटेड के अध्यक्ष प्रवीण शंकर पंडया ने कहा 'मेरे ख्याल से विश्व स्तर का डायमंड एक्सचेंज स्थापित करने से ही केवल बात नहीं बनेगी, क्योंकि जब तक परिचालन कर में सुधार नहीं किया जाता तब तक विदेशी कारोबारी भारत में कच्चे हीरे की बिक्री के लिए नहीं आएंगे।'
रत्न आभूषण जगत की मांग इस मायने में महत्वपूर्ण है कि उंचे शुल्क की वजह से रियो टिंटो और डी बीयर्स सहित विश्व की कोई भी बडी ख़नन कंपनी भारत में कच्चे हीरे की खरीदारी नही करेगी। इसके बदले ये कंपनियां उन देशों की ओर रुख करना पसंद करेगी, जहां परिचालन शुल्क शून्य है।
इस समय भारत में हीरे का प्रसंसकरण करने वाले दुबई में कच्चे हीरे की नीलामी में हिस्सा लेते हैं, जिससे भारत से नौकरियां धीरे-धीरे कम होकर दुबई की ओर रुख कर रही है। हीरे को तराशने और पॉलिश करने वाला भारत विश्व का सबसे बडा देश है।
मौजूदा नियमों के अनुसार परिचालन शुल्क की सीमा 2-3 फीसदी है, जबकि वैश्विक डायमंड ट्रेडिंग बाजार बेल्जियम और इस्त्राइल में इसके मुकाबले 0.25 फीसदी का शुल्क लगता है। यहीं नहीं, महाराष्ट्र सरकार ने हीरे की बिक्र्री पर 1 फीसदी का मूल्य संवर्धित कर (वैट) भी लगा दिया है।
रत्न और आभूषण क्षेत्र ने सरकार से परिचालन शुल्क को एक फीसदी के स्तर पर लाने का सुझाव दिया है, जिसके बाद पांडया को लगता है कि विदशी भागीदारी में निश्चित तौर पर इजाफा होगा। पांडया कहते हैं 'हमने भारत को एक अंतरराष्ट्रीय डायमंड कारोबार केंद्र बनाने के लिए सरकार से विशेष कदम उठाने की अपील की है। सरकार ने देश में डायमंड एक्सचेंज खोलने की हमारी मांग पर पहल की है। लेकिन सही मायने में इसे सफल बनाने के लिए वाकई और कदम उठाने की आवश्यकता है।'
मालूम हो कि नई विदेश व्यापार नीति की घोषणा करते हुए सरकार ने भारत में अंतरराष्ट्रीय डायमंड स्थापित करने की मंशा जाहिर की है। मुंबई में इसी तरह के एक एक्सचेंज की घोषणा भी की जा चुकी है जो अब लगभग पूरा होने की स्थिति में हैं।
मुंबई में कारोबार की सफलतापूर्वक शुरुआत होने के बाद सरकार की अन्य केंद्रों जैसे अहमदाबाद, सूरत, कोलकाता और हैदराबाद में इसी तरह के एक्सचेंज स्थापित करने की योजना है। (बीएस हिन्दी)
29 अगस्त 2009
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