गुआहाटी August 24, 2009
असम चाय उद्योग के बुरे दिन गुजरते हुए नजर आ रहे हैं। अगस्त महीने में उम्मीद से कहीं बेहतरीन फसल तैयार हुई है और मई महीने तक उत्पादन में गिरावट के दिन अब खत्म हो गए हैं।
सूखे मौसम के चलते उत्पादन में शुरुआती महीनों में खासी गिरावट दर्ज की गई थी, जिसमें जून महीने के बाद से थोड़ा सुधार नजर आने लगा था। जनवरी के बाद से अग्रिम स्टॉक महत 10 लाख किलो था।
अगर उद्योग जगत के सूत्रों की मानें तो चाय की कमी का दौर अब खत्म हो जाएगा, क्योंकि जुलाई महीने से ही उत्पादन में सुधार आ रहा है। नार्थ ईस्टर्न टी एसोसिएशन (एनईटीए) के चेयरमैन बिद्यानंद बारकाकोटी ने कहा कि भविष्य में क्या होगा, मैं नहीं जानता, लेकिन यह सही है कि इस समय हम चाय उत्पादन के बुरे दौर में इस साल चल रहे थे, उसमें सुधार आ रहा है।
उनके मुताबिक अगस्त महीने में ब्रह्मपुत्र घाटी में अगस्त महीने में अप्रत्याशित और बंपर फसल हुई है। बराक घाटी (दक्षिण असम) में भी चाय का उत्पादन संतोषजनक रहा है। बारकाकोटी ने कहा कि ब्रह्मपुत्र घाटी के चाय उत्पादकों की ओर से जो प्रतिक्रिया मिल रही है, उनके मुताबिक कुछ इलाकों में फसल का उत्पादन बंपर और उम्मीद से ज्यादा हुआ है। हम इस तरह का उत्पादन कई साल बाद देख रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा कि चाय उद्योग के अनुमानों के मुताबिककुल सालाना उत्पादन पिछले साल से कम नहीं रहेगा। पिछला साल असम में चाय उत्पादन के लिहाज से बेहतर रहा था। साथ ही 1999 के बाद से आई कमी से यह बाहर निकल आया था। इस साल भी उद्योग जगत का मानना है कि साल के अंत तक कीमतें बेहतर बनी रहेंगी।
असम चाय उद्योग का परिदृश्य प्रारंभिक रूप से बहुत धूमिल लग रहा था, खासकर मई तक सूखे जैसी स्थिति राज्य में बनी हुई थी। मई तक असम चाय उद्योग में चाय के उत्पादन में 90 लाख किलो की गिरावट आई थी, क्योंकि अप्रैल का महीना बहुत खराब गुजरा था। (BS Hindi)
25 अगस्त 2009
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें