गन्ने की कमी से उत्तर प्रदेश में चीनी मिलों के बीच घमासान मचा है। मांग के मुकाबले कम फसल के चलते मिलें पहले से ही गन्ना खरीद लेना चाहती है।
इसके लिए मिलें किसानों को मुंहमांगी कीमत देने की लिए भी तैयार है।
चीनी मिलों में पेराई शुरु होने में अभी 2 महीने का वक्त है लेकिन गन्ने की खरीद के लिए अभी से जोड़तोड़ शुरु हो चुकी है।
कम फसल के चलते इस साल उत्तरप्रदेश की 51 चीनी मिलों के लिए 180 दिन की पेराई की जगह सिर्फ 50 दिन की पेराई का गन्ना ही मौजूद है।
हांलाकि हर चीनी मिल के लिए गन्ने का रिजर्व एरिया होता है लेकिन इस बार मिलें एक दूसरे के एरिया में सेंधमारी की तैयारी में है।
इसके लिए मिलें गुड़ बानने वालों को अपने एजेंटे के तौर पर इस्तेमाल कर रही हैं जो इस वक्त अपने लिए गन्ने की खरीद कर रहे हैं। पिछले साल जहां एक क्विंटल के लिए किसानों को 140 से 145 रुपए मिल रहे थे वहीं इस बार गुड़ उत्पादक उन्हे 200 रुपए तक दे रहे हैं।
पिछले तीन सालों से गन्ने का रकबा लगातर घट रहा है। चीनी मिलों के वक्त पर भुगतान न करने से किसानों ने अब गन्ना छोड़ कर धान और तिलहन जैसी फसले उगाना शुरु कर दिया है। इस बार भी गन्ना कम बोया गया और रही सही कसर सूखे ने पूरी कर दी।
गन्ने की मारा मारी के चलते इस साल चीनी मिले वक्त से पहले भी पेराई शुरु कर सकती है। लेकिन इतना तय है कि गन्ने के लिए लड़ाई का असर चीनी की कीमतों पर भी दिखेगा। (Awaj Karobar)
25 अगस्त 2009
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