मुंबई July 31, 2009
कच्चे खाद्य तेलों के आयात पर सरकार द्वारा सीमा शुल्क लगाए जाने की संभावनाओं के बीच नैशनल कमोडिटी ऐंड डेरिवेटिव एक्सचेंज (एनसीडीईएक्स) में सोयाबीन वायदा ने शुक्रवार को अपने ऊपरी सर्किट को छू लिया।
साथ ही वैश्विक स्तर पर मिल रहे अच्छे संकेतों की वजह से भी सोया की कीमतों में बढ़ोतरी हुई। दिलचस्प बात यह है कि सोयाबीन के रकबे में बढ़ोतरी होने और मौजूदा खरीफ सत्र के बेहतर रहने के अनुमान के बावजूद सोयाबीन की कीमतों में तेजी देखने को मिली है।
अगस्त में डिलीवरी होने वाले सोयाबीन की कीमत मंगलवार को 2220 रुपये प्रति क्विंटल के स्तर पर बंद हुई और 2158 रुपये प्रति क्विंटल की पिछली कीमत से सर्किट सीमा में 3 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
इंदौर के हाजिर बाजार में सोयाबीन की कीमत 2080-2100 रुपये प्रति क्विंटल रही जो पिछली कीमतों के मुकाबले 40-50 रुपये अधिक है। इस रुझान के बाद हाजिर कीमतों में बढ़ोतरी के बाद सटोरियों के नई पोजीशन लेने की वजह से मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) में रिफाइन्ड सोया तेल वायदा में 2.59 फीसदी का उछाल देखने को मिला।
शुरुआती कारोबार में 2.59 फीसदी चढ़ने के बाद अगस्त में डिलीवरी किए जाने वाले सोया तेल का निपटान बाद में 1.89 फीसदी के लाभ के साथ हुआ। इंदौर स्थित सोयाबीन प्रसंस्करण संघ (एसओपीए) के संयोजक और प्रवक्ता राजेश अग्रवाल के अनुसार जुलाई के अंत में मानसून में सुधार होने की वजह से सोयाबीन के रकबे में कुछ सुधार हुआ और यह पिछले साल के 95 लाख हेक्टेयर के स्तर को छूने में कामयाब रहा।
अब तक महाराष्ट्र सहित देश के विभिन्न भागों से सोयाबीन की पैदावार सामान्य रहने की खबर आई है। अग्रवाल ने कहा कि हालांकि, कुल रकबे की जानकारी अगस्त और सितंबर में होने वाली बरसात के बाद मिल पाएगी।
अमेरिका में भी सोयाबीन की पैदावार सामान्य रही है, लेकिन चीन से अधिक मांग होने के कारण शिकागो में इसकी कीमत गुरुवार को अचानक पिछले नौ महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई। अमेरिका के कृषि विभाग के अनुसार एक साल से अधिक की अवधि में चीन द्वारा एक दिन में सबसे बड़ी खरीदारी के बाद अमेरिकी सोया वायदा में 7 फीसदी की तेजी आई। (BS Hindi)
01 अगस्त 2009
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