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01 अगस्त 2009

उत्पादन घटने से सात माह में कॉफी निर्यात 21प्रतिशत गिरा

चालू वर्ष में जुलाई माह तक कॉफी निर्यात करीब 21 फीसदी घटकर 1.17 लाख टन रह गया। मूल्य के लिहाज से निर्यात करीब 20 फीसदी घटकर 1,261 करोड़ रुपये रहा। इसकी वजह वैश्विक आर्थिक संकट और उत्पादन में कमी होना है। कॉफी बोर्ड के आंकडा़ें के मुताबिक जुलाई माह तक 1.17 लाख टन कॉफी का निर्यात हुआ है। पिछली समान अवधि में यह आंकड़ा 1.48 लाख टन पर था। इस दौरान 22,707 टन अरेबिका कॉफी, 65,805 टन रोबस्ता कॉफी और 17,646 टन इंस्टेंट कॉफी और 11,368 टन प्रोसेस्ड कॉफी का निर्यात किया गया। वहीं वित्त वर्ष 2009-10 के पहले चार माह के दौरान 63,797 कॉफी निर्यात हुई, पिछली समान अवधि में यह आंकडा़ 78,662 टन पर था। चालू वर्ष में जुलाई माह तक सबसे अधिक करीब 26 फीसदी 30,708 टन कॉफी इटली को निर्यात हुई। इसके बाद 10,792 टन रूस परिसंघ, 6,365 टन बेल्जियम और 6,062 टन जर्मनी को कॉफी निर्यात हुई। भारतीय कॉफी बोर्ड के अनुसार निर्यात में गिरावट की प्रमुख वजह उत्पादन में कमी आना है। मौसम अनुकूल न रहने के कारण सीजन 2008-09 के दौरान कॉफी उत्पादन में गिरावट आई है। कॉफी की फसल में फूल आने से पहले 2.92 लाख टन कॉफी उत्पादन का अनुमान लगाया था जो घटकर 2.62 लाख टन रहने का अनुमान है। यही कारण है कि चालू वर्ष में कॉफी निर्यात निरंतर घट रहा है।कॉफी निर्यात घटने की दूसरी वजह वैश्विक आर्थिक संकट को भी माना जा रहा है। वैश्विक संकट की वजह से भारतीय कॉफी के प्रमुख आयातक देश इटली, जर्मनी, सोवियत संघ, बेल्जियम और स्पेन आदि देशों से मांग कम निकल रही है। इसे भी निर्यात घटने की अहम वजह माना जा रहा है। चालू वित्त वर्ष के लिए फूल आने से पहले लगाए अनुमान के मुताबिक 3.06 लाख टन कॉफी उत्पादन हो सकता है। इसमें 1.01 लाख टन अरेबिका और 2.04 लाख टन रोबस्ता कॉफी का उत्पादन होने का अनुमान है।लेकिन भारतीय कॉफी निर्यातकों के संगठन के अनुसार एक अक्टूबर से शुरू हो रहे कॉफी वर्ष में 2.90 लाख टन कॉफी का उत्पादन होने का अनुमान है जो बोर्ड के अनुमान से पांच फीसदी कम है। अगले सीजन के दौरान निर्यात बढ़ने की संभावना है। भारतीय कॉफी बोर्ड के चेयरमैन जी.वी. कृष्ण राव ने बिजनेस भास्कर को बताया कि अगले कुछ महीनों तक निर्यात में गिरावट जारी रहेगी लेकिन चालू वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही के दौरान निर्यात में सुधार हो सकती है। उनके अनुसार इसकी वजह अगले कॉफी सीजन के दौरान उत्पादन अधिक होने की संभावना है। (Business Bhaskar)

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