04 अगस्त 2009
बेसमेटल के भाव शीर्ष पर
नई दिल्ली/सिंगापुर। मौजूदा सप्ताह के पहले दिन यानि सोमवार को विभिन्न बाजारों की दिशा बड़ी दिलचस्प रही। देश-विदेश के शेयर बाजारों में तेजी आने के बावजूद बेसमेटल्स में मजबूती का रुख रहा। आमतौर पर शेयर बाजार में तेजी आने पर कमोडिटी मार्केट में गिरावट का रुख रहता है। लंदन मेटल एक्सचेंज में सोमवार को कॉपर 6000 डॉलर प्रति टन के ऊपर निकल गया। तीन माह डिलीवरी कॉपर के भाव 6,011 डॉलर प्रति टन के स्तर पर पहुंच गए। यह पिछले साल अक्टूबर के बाद का उच्चतम स्तर है। जिंक के भाव पांच फीसदी चढ़कर 1,850 डॉलर प्रति टन हो गए। यह भाव पिछले साल के सितंबर के बाद का उच्च स्तर है। एलएमई में निकिल 1,961 डॉलर और लेड 18,894 डॉलर प्रति टन के भाव पर पहुंच गया। इन मेटलों का यह स्तर सितंबर के बाद का उच्चतम है। अल्यूमीमियम नवंबर के बाद 1981 डॉलर प्रति टन के स्तर पर पहुंच गया। विश्व बाजार में यह तेजी अमेरिका में जुलाई के दौरान निर्माण क्षेत्र की गिरावट सबसे कम रहने के कारण दर्ज की गई। इसके अलावा कंस्ट्रक्शन क्षेत्र में खर्च भी उम्मीद से कहीं ज्यादा रहा। जुलाई में इस क्षेत्र में खर्च करीब 0.3 फीसदी बढ़ गया। कमजोर डॉलर ने भी तेजी को समर्थन दिया।विदेश में आई बेसमेटल्स की तेजी का असर घरेलू फ्यूचर मार्केट में भी दिखा। निकिल अक्टूबर वायदा एमसीएक्स में 6.63 फीसदी बढ़कर 901 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गया। कॉपर फरवरी वायदा 5.07 फीसदी बढ़कर 288 रुपये प्रति किलो हो गया। इसके अलावा जिंक अगस्त वायदा चार फीसदी से ज्यादा चमककर 86.75 रुपये प्रति किलो हो गया। बेसमेटल्स के अलावा क्रूड ऑयल में चार फीसदी की तेजी आने से भाव 3500 रुपये प्रति बैरल हो गया। (Business Bhaskar)
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