19 अगस्त 2009
नीतीश,शरद पवार से मिले, मांगा 23 हजार करोड़
नयी दिल्ली। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज यहां कृषि एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री शरद पवार से मुलाकात कर बिहार में सूखे की स्थिति से निपटने के लिए केन्द्र की ओर से ज्यादा से ज्यादा मदद दिये जाने की मांग की ।नीतीश ने यहां पवार से उनके कृषि मंत्रालय स्थित कार्यालय में करीब एक घंटे की मुलाकात के बाद संवाददाताओं से कहा बिहार में सूखे की स्थिति और उससे निपटने के बारे में उन्होंने कृषि मंत्री से विस्तार से बातचीत की। साथ ही कृषि क्षेत्र से जुड़े कुछ अन्य मुद्दों पर भी उनसे चर्चा की। उन्होंने कहा कि बिहार के 38 में से 26 जिलों को सूखा घोषित किया जा चुका है। बाकी जिलों पर भी नजर रखी जा रही है। राज्य में खरीफ की फसलें तो बर्बाद हो ही गयी हैं रबी की फसलों पर भी बुरा प्रभाव पड़ने की आशंका है ।उन्होंने बताया कि राज्य के एक करोड़ 26 लाख परिवारों को मदद देना होगा और उन्हें भूख से बचाने के लिए खाने के लिए भी मदद देनी होगी। इसके लिए अनाज और नगद राशि की जरूरत होगी। नीतीश ने कहा कि लोगों को मदद देने के लिए हर महीने करीब 12 लाख 60 हजार टन अनाज की जरूरत होगी। साथ ही बड़े पैमाने पर रोजगार उपलब्ध कराना होगा। इसके लिए राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत आवंटन को बढाना होगा। साथ ही डीजल पर सब्सिडी भी जारी रखनी होगी ।नीतीश ने कहा कि इन परिवारों को तीन महीने तक मदद देने के लिए जीआर (ग्रेचुटस रिलीफ अथवा नि:शुल्क सहायता) के मद में करीब दस हजार करोड़ रुपये की जरूरत होगी । इस बारे में केन्द्र सरकार को दिशानिर्देश तय करना होगा। उन्होंने बताया कि रबी की फसल के लिए किसानों को खाद बीज उपलब्ध कराना होगा और साथ ही किसानों को अबाध बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए राज्य को अतिरिक्त बिजली की भी जरूरत होगी । उन्होंने बताया कि बिहार ने केन्द्र से कुल मिलाकर 23 हजार करोड़ रुपये की मांग की है। इस बारे में अब केन्द्र सरकार को तय करना है।कोसी राहत पैकेज के बारे में पूछे जाने पर नीतीश ने कहा कि एक साल गुजर गये लेकिन कोसी क्षेत्र में पुनर्वास कार्यों के लिए केन्द्र ने बिहार को कोई आर्थिक पैकेज नहीं दिया। हालांकि जब पिछले साल इसी अगस्त महीने में कोसी में बाढ आयी थी तो प्रधानमंत्री ने खुद इसे राष्ट्रीय आपदा बताया था। (Jagran)
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