नई दिल्ली: देश की शीर्ष इस्पात निर्माता कंपनियों ने हाजिर बाजार में फ्लैट स्टील उत्पादों की कीमतें तीन फीसदी बढ़ा दी हैं। यह बढ़ोतरी एक अगस्त से लागू हो गई है। उन्होंने कच्चे माल की बढ़ी लागत और दुनिया भर में धातु की कीमतों में बढ़ोतरी को देखते हुए यह कदम उठाया है। सेल, टाटा स्टील, जेएसडब्ल्यू और एस्सार की ओर से की गई बढ़ोतरी लागू हो चुकी है जबकि इस्पात जैसी अन्य कंपनियां जल्दी ही बढ़ोतरी कर सकती हैं। फ्लैट स्टील का इस्तेमाल मुख्यत: ऑटोमोबाइल और कंज्यूमर ड्यूरेबल क्षेत्रों में होता है। इसके साथ ही सेल और जेएसडब्ल्यू ने कम मांग को देखते हुए लॉन्ग स्टील प्रोडक्ट की कीमतें 1,500 रुपए प्रति टन यानी 5 फीसदी तक घटा दी हैं। इन उत्पादों का उपयोग निर्माण क्षेत्र में होता है।
कीमतों में इस बदलाव से पहले फ्लैट और लॉन्ग, दोनों तरह के स्टील उत्पादों के बेसिक ग्रेड की कीमत घरेलू बाजार में 30,000-32,000 रुपए प्रति टन थी। सेल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पहचान जाहिर न किए जाने की शर्त पर बताया, 'स्टॉक घटाने की प्रक्रिया खत्म हो चुकी है और इस्पात के ताजा माल की मांग फिर पैदा हो चुकी है। इससे अंतरराष्ट्रीय भाव बढ़ रहे हैं और घरेलू कीमतें भी।' सेल ने फ्लैट प्रोडक्ट के अधिकतर ग्रेड की कीमतों में 1,000 रुपए प्रति टन तक की बढ़ोतरी की है और लॉन्ग प्रोडक्ट की कीमतों में 1,500 रुपए प्रति टन तक की कमी की है। कंपनी सालाना 1.3 करोड़ टन स्टील उत्पादन करती है जिसमें फ्लैट उत्पादों का हिस्सा 60 फीसदी रहता है। बढ़ी मांग और कच्चे माल की महंगाई से वैश्विक स्तर पर स्टील की कीमतें 600 डॉलर प्रति टन तक चढ़ चुकी हैं। एस्सार स्टील बिजनेस ग्रुप सीईओ जे मेहरा ने कहा, 'लौह अयस्क की कीमतें पिछले कुछ सप्ताहों में चढ़ी हैं। तेल भी महंगा हुआ है जिससे परिवहन लागत बढ़ी है।' बताया जाता है कि कंपनी ने फ्लैट स्टील की कीमतें 800-1,000 रुपए प्रति टन बढ़ाई हैं। (ET Hindi)
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