आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू पेराई सीजन 2014-15 (अक्टूबर से सितंबर) में 28 फरवरी 2015 तक देषभर में 194 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है जोकि पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 23.57 लाख टन ज्यादा है। खाद्य मंत्री के लोकसभा में दिए ब्यान के अनुसार चालू पेराई सीजन में चीनी मिलों पर किसानों का 14,500 करोड़ रूपये का बकाया हो चुका है।
इंडियन षुगर मिल्स एसोसिएषन (इस्मा) के अनुसार गन्ना मिलों में पेराई समय से पहले आरंभ होने के साथ ही गन्ने में रिकवरी की दर पिछले साल से ज्यादा आने के कारण चीनी का उत्पादन बढ़ा है। चालू पेराई सीजन 2014-15 में 28 फरवरी 2015 तक 194 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 170.43 लाख टन उत्पादन हुआ था। चालू पेराई सीजन में इस समय 455 चीनी मिलों में पेराई चल रही है।
उत्तर प्रदेष में चालू पेराई सीजन में 28 फरवरी तक 49.60 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है जबकि पिछले साल इस समय तक 43.40 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था। राज्य में 118 चीनी मिलों में पेराई चल रही थी जबकि 28 फरवरी तक 3 चीनी मिलों ने पेराई बंद कर दी है।
सबसे बड़े उत्पादक राज्य महाराश्ट में चालू पेराई सीजन में फरवरी अंत तक 74 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है जबकि पिछले साल इस समय तक 57.54 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था। इस्मा के अनुसार चालू पेराई सीजन में राज्य में एक चीनी मिल में गन्ने की पेराई बंद हो चुकी है।
कर्नाटक में चालू पेराई सीजन में फरवरी के आखिर तक 32.80 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है जोकि पिछले साल की समान अवधि के 30.94 लाख टन से ज्यादा है। कर्नाटक में इस समय 56 चीनी मिलों में पेराई चल रही है। आंध्रप्रदेष और तेलंगाना में 28 फरवरी तक 7.30 लाख टन, तमिलनाडु में 4.60 लाख टन, गुजरात में 8.40 लाख टन और बिहार में एक लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है।
केंद्र सरकार ने चीनी मिलों को 14 लाख टन रॉ-षुगर के निर्यात पर 4,000 रूपये प्रति टन की दर से इनसेंटिव देने की घोशणा तो कर दी है लेकिन इसके लिए अभी तक कोई अधिसूचना जारी नहीं की गई है। इस्मा के अनुसार चालू पेराई सीजन में चीनी का उत्पादन बढ़कर 260 लाख टन होने का अनुमान है जोकि पिछले साल की तुलना में ज्यादा है।.......आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू पेराई सीजन 2014-15 (अक्टूबर से सितंबर) में 28 फरवरी 2015 तक देषभर में 194 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है जोकि पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 23.57 लाख टन ज्यादा है। खाद्य मंत्री के लोकसभा में दिए ब्यान के अनुसार चालू पेराई सीजन में चीनी मिलों पर किसानों का 14,500 करोड़ रूपये का बकाया हो चुका है।
इंडियन षुगर मिल्स एसोसिएषन (इस्मा) के अनुसार गन्ना मिलों में पेराई समय से पहले आरंभ होने के साथ ही गन्ने में रिकवरी की दर पिछले साल से ज्यादा आने के कारण चीनी का उत्पादन बढ़ा है। चालू पेराई सीजन 2014-15 में 28 फरवरी 2015 तक 194 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 170.43 लाख टन उत्पादन हुआ था। चालू पेराई सीजन में इस समय 455 चीनी मिलों में पेराई चल रही है।
उत्तर प्रदेष में चालू पेराई सीजन में 28 फरवरी तक 49.60 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है जबकि पिछले साल इस समय तक 43.40 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था। राज्य में 118 चीनी मिलों में पेराई चल रही थी जबकि 28 फरवरी तक 3 चीनी मिलों ने पेराई बंद कर दी है।
सबसे बड़े उत्पादक राज्य महाराश्ट में चालू पेराई सीजन में फरवरी अंत तक 74 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है जबकि पिछले साल इस समय तक 57.54 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था। इस्मा के अनुसार चालू पेराई सीजन में राज्य में एक चीनी मिल में गन्ने की पेराई बंद हो चुकी है।
कर्नाटक में चालू पेराई सीजन में फरवरी के आखिर तक 32.80 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है जोकि पिछले साल की समान अवधि के 30.94 लाख टन से ज्यादा है। कर्नाटक में इस समय 56 चीनी मिलों में पेराई चल रही है। आंध्रप्रदेष और तेलंगाना में 28 फरवरी तक 7.30 लाख टन, तमिलनाडु में 4.60 लाख टन, गुजरात में 8.40 लाख टन और बिहार में एक लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है।
केंद्र सरकार ने चीनी मिलों को 14 लाख टन रॉ-षुगर के निर्यात पर 4,000 रूपये प्रति टन की दर से इनसेंटिव देने की घोशणा तो कर दी है लेकिन इसके लिए अभी तक कोई अधिसूचना जारी नहीं की गई है। इस्मा के अनुसार चालू पेराई सीजन में चीनी का उत्पादन बढ़कर 260 लाख टन होने का अनुमान है जोकि पिछले साल की तुलना में ज्यादा है।.......आर एस राणा
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