विष्व बाजार में दाम सुधरने से निर्यात में तेजी आने का अनुमान
आर एस राणा
नई दिल्ली। कॉटन कार्पोरेषन ऑफ इंडिया (सीसीआई) घरेलू बाजार में अप्रैल से हर महीने 6-7 लाख गांठ (एक गांठ-170 किलो) कपास की बिक्री करेगी। विष्व बाजार में कपास की कीमतों में सुधार आया है तथा आगामी दिनों में भाव और बढ़ने का अनुमान है। ऐसे में घरेलू बाजार में भी कपास की कीमतों में तेजी की संभावना है।
सीसीआई के एक वरिश्ठ अधिकारी ने बताया कि चालू सीजन में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर निगम अभी तक 82 लाख गांठ कपास की खरीद कर चुकी है तथा निगम ने करीब 4 लाख गांठ की बिक्री भी ई-निलामी के माध्यम से इस दौरान की है। उन्होंने बताया कि इस समय उत्पादक राज्यों की मंडियों में सवा लाख गांठ कपास की दैनिक आवक हो रही है तथा चालू सीजन में कुल 280 लाख गांठ की आवक अभी तक हो भी चुकी है।
कपास की अभी तक हुई एमएसपी पर खरीद में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी तेलंगाना की 34.50 लाख गांठ, महाराश्ट की 17.20 लाख गांठ, आंध्रप्रदेष की 15.30 लाख गांठ, गुजरात की 6.20 लाख गांठ, मध्य प्रदेष की 2.73 लाख गांठ और कर्नाटक की 1.5 लाख गांठ है। उन्होंने बताया कि उत्पादक मंडियों में बढ़िया क्वालिटी की कपास की दैनिक आवक कम हो गई है इसलिए निगम की खरीद भी धीमी हो गई है।
नार्थ इंडिया कॉटन एसोसिएषन के अध्यक्ष राकेष राठी ने बताया कि विष्व बाजार में कॉटन की कीमतों सुधार आया है जिससे निर्यात पड़ते लग रहे हैं। चालू फसल सीजन में अभी तक करीब 35 लाख गांठ कपास के निर्यात सौदे हो चुके हैं तथा आगामी दिनों में इसमें और बढ़ोतरी होगी। विष्व बाजार में कॉटन दाम 29 जनवरी को 59.57 सेंट प्रति पाउंड थे जबकि 4 मार्च को इसके भाव बढ़कर 63.70 सेंट प्रति पाडंड हो गए। अहमदाबाद में गुरूवार को षंकर-6 किस्म की कपास का भाव 31,000 से 31,500 रूपये प्रति कैंडी (एक कैंडी-356 किलो) रहा तथा सप्ताहभर से कीमतें स्थिर बनी हुई है। होली के बाद घरेलू बाजार में कपास की कीमतों में सुधार आने का अनुमान है।
कॉटन एसोसिएषन ऑफ इंडिया (सीएआई) के अनुसार पहली अक्टूबर-2014 से षुरू हुए चालू फसल सीजन में देष में 397 लाख गांठ कपास उत्पादन का अनुमान है जोकि पिछले साल के 407 लाख गांठ से कम है।.....आर एस राणा
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