अगले 2 साल तक कच्चे तेल के वैश्विक दाम कम रहने के आसार हैं। इससे भारत को
भारतीय रिजर्व बैंक के लक्ष्य 6 प्रतिशत पर महंगाई दर रखने में मदद
मिलेगी। साथ ही चालू खाता घाटा (सीएडी) को सकल घरेलू उत्पाद के 1 प्रतिशत
तक लाने और ईंधन सब्सिडी पर खर्च घटने से राजकोषीय घाटा कम रखने में मदद
मिलेगी।
वैश्विक शोध एवं रेटिंग एजेंसी मूडी ने अपनी हाल की रिपोर्ट में कहा है, 'तेल के दाम कम रहने से भारत को महंगाई दर कम रखने, सुधरा हुआ कारोबारी संतुलन बनाए रखने और ईंधन सब्सिडी घटाने में मदद मिलेगी। इसके अलावा तेल एवं अन्य जिंसों के दाम स्थिर होने से विकास को गति देने में मदद मिलेगी और हम उम्मीद करते हैं कि 2015 और 2016 में महंगाई पर काबू रखने और चालू खाता घाटा नियंत्रित रखने में मदद मिलेगी।'
जून 2014 और जनवरी 2015 के बीच कच्चे तेल के दाम में करीब 60 प्रतिशत की गिरावट आई और इसके दाम जनवरी में 47 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गए, जो 6 साल का न्यूनतम स्तर है। फरवरी मेंं दाम 17 प्रतिशत बढ़कर 59 डॉलर प्रति बैरल पहुंचने के बावजूद मूडी का अनुमान है कि कच्चे तेल के दाम 2015 में करीब 55 डॉलर प्रति बैरल और 2016 में 65 डॉलर प्रति बैरल और 2017 में 72 डॉलर प्रति बैरल पर स्थिर रहेंगे।
तेल के दाम गिरने से भारत की सालाना बिजली और ईंधन महंगाई दर दिसंबर 2014 में घटकर 3.4 प्रतिशत पर पहुंच गई, जो जनवरी 2014 में 6.5 प्रतिशत थी। इसकी वजह से उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई में कमी आई और यह इस अवधि के दौरान 8.8 प्रतिशत से गिरकर 5 प्रतिशत पर आ गया। सालाना ईंधन और बिजली की महंगाई दर में ज्यादा आधार स्तर होने के कारण 2015 के दौरान गिरावट जारी रहेगी। (BS Hindi)
वैश्विक शोध एवं रेटिंग एजेंसी मूडी ने अपनी हाल की रिपोर्ट में कहा है, 'तेल के दाम कम रहने से भारत को महंगाई दर कम रखने, सुधरा हुआ कारोबारी संतुलन बनाए रखने और ईंधन सब्सिडी घटाने में मदद मिलेगी। इसके अलावा तेल एवं अन्य जिंसों के दाम स्थिर होने से विकास को गति देने में मदद मिलेगी और हम उम्मीद करते हैं कि 2015 और 2016 में महंगाई पर काबू रखने और चालू खाता घाटा नियंत्रित रखने में मदद मिलेगी।'
जून 2014 और जनवरी 2015 के बीच कच्चे तेल के दाम में करीब 60 प्रतिशत की गिरावट आई और इसके दाम जनवरी में 47 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गए, जो 6 साल का न्यूनतम स्तर है। फरवरी मेंं दाम 17 प्रतिशत बढ़कर 59 डॉलर प्रति बैरल पहुंचने के बावजूद मूडी का अनुमान है कि कच्चे तेल के दाम 2015 में करीब 55 डॉलर प्रति बैरल और 2016 में 65 डॉलर प्रति बैरल और 2017 में 72 डॉलर प्रति बैरल पर स्थिर रहेंगे।
तेल के दाम गिरने से भारत की सालाना बिजली और ईंधन महंगाई दर दिसंबर 2014 में घटकर 3.4 प्रतिशत पर पहुंच गई, जो जनवरी 2014 में 6.5 प्रतिशत थी। इसकी वजह से उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई में कमी आई और यह इस अवधि के दौरान 8.8 प्रतिशत से गिरकर 5 प्रतिशत पर आ गया। सालाना ईंधन और बिजली की महंगाई दर में ज्यादा आधार स्तर होने के कारण 2015 के दौरान गिरावट जारी रहेगी। (BS Hindi)
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