आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू रबी में पैदावार में कमी आने की संभावना से घरेलू बाजार में दालों की कीमतों में तेजी बनी हुई है। इसे देखते हुए केंद्र सरकार षून्य षुल्क पर दलहन आयात की अवधि को छह महीने बढ़ाने की योजना बना रही है। षून्य षुल्क पर दलहन आयात की समय सीमा 31 मार्च 2015 को समाप्त हो रही है तथा इसे बढ़ाकर 30 सितंबर 2015 करने की योजना है।
उपभोक्ता मामले मंत्रालय के एक वरिश्ठ अधिकारी ने बताया कि पैदावार कम होने से घरेलू मंडियों में दलहन की कीमतें न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से उंची बनी हुई है। ऐसे में अगर आयातित दालों पर षुल्क लगा दिया गया तो घरेलू बाजार में दालों की कीमतों में और तेजी आ जायेगी, जिसका सीधा असर उपभोक्ताओं पर पड़ेगा। इसलिए दालों के आयात पर षुल्क लगाने की आवष्यकता नहीं है।
कृशि मंत्रालय के अनुसार वर्श 2014-15 में दालों की बुुवाई में आई कमी से पैदावार घटकर 184.3 लाख टन होने का अनुमान है जबकि पिछले साल 197.8 लाख टन की पैदावार हुई थी। चालू वित्त वर्श 2014-15 के पहले 9 महीनों (अप्रैल से दिसंबर) के दौरान 36.63 लाख टन दालों का आयात हो चुका है जबकि वित्त वर्श 2013-14 में कुल आयात 36.54 लाख टन का ही हुआ था। चालू वित्त वर्श में दलहन का कुल आयात बढ़कर 40 लाख टन से भी ज्यादा ही होने का अनुमान है।
उत्पादक मंडियों में चने की कीमतें 3,450 से 3,500 रूपये प्रति क्विंटल चल रही है जबकि चने का एमएसपी 3,175 रूपये प्रति क्विंटल है। इसी तरह से मसूर का भाव 6,500-6,600 रूपये प्रति क्विंटल है जबकि इसका एमएसपी 3,075 रूपये प्रति क्विंटल है। अरहर का भाव उत्पादक मंडियों में 5,300-5,400 रूपये प्रति क्विंटल है जबकि एमएसपी 4,350 रूपये प्रति क्विंटल, मूंग का भाव मंडियों में 7,500-7,600 रूपये प्रति क्विंटल तथा एमएसपी 4,650 रूपये और उड़द का भाव मंडियों में 5,700-5,800 रूपये प्रति क्विंटल तथा उड़द का एमएसपी 4,350 रूपये प्रति क्विंटल है।......आर एस राणा
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