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18 मार्च 2015

बसमती चावल के निर्यात में आई कमी, नोन-बासमती का बढ़ा


आर एस राणा
नई दिल्ली। ईरान की आयात मांग कम होने के कारण चालू वित्त वर्श 2014-15 के पहले दस महीनों (अप्रैल से जनवरी) के दौरान बासमती चावल के निर्यात में जहां 5.3 फीसदी की कमी आई है वही नोन-बासमती चावल के निर्यात में इस दौरान 13 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। 22 मार्च से ईरान में नए वित्त वर्श की षुरूआत हो रही है तथा भारतीय निर्यातकों को उम्मीद है कि ईरान बासमती चावल के आयात पर लगी पाबंदी को समाप्त करेगा, जिससे नए वित्त वर्श में भारत से बासमती चावल के निर्यात में बढ़ोतरी होगी।
एपिडा के एक वरिश्ठ अधिकारी ने बताया कि चालू वित्त वर्श के पहले दस महीनों अप्रैल से जनवरी के दौरान बासमती चावल का निर्यात घटकर 29.22 लाख टन ही हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्श की समान अवधि में इसका निर्यात 30.86 लाख टन का हुआ था। उन्होंने बताया कि इस दौरान नोन-बासमती चावल का निर्यात बढ़कर 66.47 लाख टन का हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्श की समान अवधि में नोन-बासमती चावल का 58.71 लाख टन का हुआ था। उन्होंने बताया कि पिछले तीन सालों से लगातार बासमती चावल के निर्यात में बढ़ोतरी हो रही थी लेकिन चालू वित्त वर्श में इसमें कमी आयेगी। उन्होंने बताया कि 22 मार्च से ईरान में नया वित्त वर्श षुरू हो रहा है तथा उम्मीद है नए वित्त वर्श में वहां की सरकार भारत से बासमती चावल के निर्यात पर रोक को हटा लेगी।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अनुसार चालू वित्त वर्श के पहले दस महीनों अप्रैल से जनवरी के दौरान बासमती चावल के निर्यात में मूल्य के हिसाब से 3.28 फीसदी की कमी आकर कुल 22,740.11 करोड़ रूपये मूल्य का निर्यात हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्श की समान अवधि में 23,510.21 करोड़ रूपये मूल्य का निर्यात हुआ था। इस दौरान नोन बासमती चावल के निर्यात में मूल्य के हिसाब से 14.07 फीसदी की बढ़ोतरी होकर कुल 16,670.91 करोड़ रूपये मूल्य का निर्यात हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्श की समान अवधि में 14,614.45 करोड़ रूपये मूल्य का निर्यात हुआ था।
खुरानिया एग्रो के प्रबंधक रामविलास खुरानिया ने बताया कि बासमती चावल के निर्यात में आई कमी से घरेलू बाजार में भी चावल की कीमतों में गिरावट आई है। उत्पादक मंडियों में 1121 बासमती चावल सेला का भाव घटकर 4,500 से 4,600 रूपये, सुगंधा चावल का 3,100 से 3,200 रूपये और परमल का भाव 2,100 रूपये प्रति क्विंटल रह गया। सप्ताहभर में ही इनकी कीमतों में करीब 200 रूपये प्रति क्विंटल की गिरावट आ चुकी है। उन्होंने बताया कि उत्पादक मंडियों में बासमती चावल का करीब 5 से 6 करोड़ बोरी का स्टॉक बचने की संभावना है।........आर एस राणा

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