राज्य सरकार के पास जूट बोरो की खरीद के लिए नहीं है पैसे
आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू रबी सीजन में पंजाब में गेहूं की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीद षुरू होने से पहले ही अड़चने आनी षुरू हो गई है। राज्य में पहली अप्रैल से गेहूं की एमएसपी पर खरीद षुरू होनी है लेकिन बोरों की खरीद के लिए राज्य सरकार के पास पैसा ही नहीं है। फरवरी में जूट के बोरो की खरीद के लिए भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने राज्य सरकार को 300 करोड़ रूपये दिए थे लेकिन मार्च में बोरो की खरीद राज्य सरकार को स्वयं करनी थी। राज्य सरकार ने मार्च में भी बोरो की खरीद से हाथ खड़े कर दिए हैं इसलिए बोरो की खरीद का मामला वित्त मंत्रालय के पास पहुंच गया है। 24 मार्च को वित्त मंत्रालय के वरिश्ठ अधिकारियों के साथ खाद्य मंत्रालय के वरिश्ठ अधिकारी इसका हल निकालने की कोषिष करेंगे।
खाद्य मंत्रालय के एक वरिश्ठ अधिकारी ने बताया कि पंजाब सरकार ने बोरो की खरीद के लिए पैसे नहीं होने की बात कही थी, इसका हल निकलाने के लिए खाद्य मंत्रालय ने फरवरी में बोरो की खरीद के लिए एफसीआई से 300 करोड़ रूपये का प्रबंध करवाया था तथा मार्च महीने में राज्य सरकार को स्वयं बोरो की खरीद करनी थी। राज्य सरकार ने मार्च में भी बोरो की खरीद के लिए पैसे नहीं होने की बात कही है, इसलिए पैसे का इंतजाम करने के लिए वित्त मंत्रालय से मदद मांगी गई है। इस संबंध में 24 मार्च को वित्त मंत्रालय के अधिकारियों संग बैठक होगी। बैठक के बाद ही साफ होगा कि पैसे का इंतजाम केंद्र सरकार करेगी, या फिर राज्य सरकार को स्वयं करना होगा।
रबी विपणन सीजन 2014-15 में पंजाब से एमएसपी पर 116.41 लाख टन गेहूं की खरीद हुई थी जबकि चालू रबी विपणन सीजन 2015-16 में भी राज्य से 120 लाख टन से ज्यादा गेहूं की खरीद होने का अनुमान है।...आर एस राणा
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