इस साल रकबा कम होने और बेमौसम बारिश व ओलावृष्टिï से फसलों को नुकसान
पहुंचने से दहलन के उत्पादन में 8 फीसदी से ज्यादा की कमी आ सकती है। इसका
असर अभी से दिखाई देने लगा है। इस महीने अरहर दाल के दाम करीब 15 फीसदी चढ़
चुके हैं और चना, मूंग, उड़द तथा मसूर दाल की कीमतों में भी तेजी का रुख
देखा जा रहा है। दालों का उत्पादन कम रहने की आशंका और कीमतों में तेजी पर
सरकार की भी नजर है। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के एक शीर्ष अधिकारी ने
बताया कि सरकार दालों के शुल्क मुक्त आयात की छूट की अवधि बढ़ाने पर विचार
कर रही है।
उपभोक्ता मामलों के विभाग के सचिव केशव देसीराजू ने शनिवार को भारतीय दलहन और अनाज संघ (आईपीजीए) के सम्मेलन में कहा था, 'हम दलहनों पर शून्य आयात शुल्क जारी रखने के बारे में विचार कर रहे हैं। इस बारे में फैसला 31 मार्च से पहले ले लिया जाएगा।'
कृषि मंत्रालय के दूसरे अग्रिम अनुमान के मुताबिक चालू फसल वर्ष 2014-15 में दलहन उत्पादन 184.3 लाख टन रहेगा, जो पिछले फसल वर्ष (जुलाई से जून) के 197.8 लाख टन से 7 फीसदी कम है। इंडिया पल्सेज ऐंड ग्रेन मर्चेंट्स एसोसिएशन (आईपीजीए) के उपाध्यक्ष विमल कोठारी का कहना है कि इस साल कम उत्पादन के कारण आयात पर निर्भरता बढ़ेगी, जिससे दालों की कीमतें बढ़ सकती हैं। उत्पादन कम रहने की आशंका में मार्च में थोक बाजार में अरहर दाल की औसत कीमत 1,000 रुपये प्रति क्विंटल तक बढ़ चुकी है। खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार मार्च की शुरुआत में देश भर की थोक मंडियों में अरहर दाल की औसत कीमत 7,000 रुपये प्रति क्विंटल थी, जो अब 8,000 रुपये प्रति क्विंटल हो गई। थोक बाजार में चना दाल की औसत कीमत 100 रुपये बढ़कर 4,500 रुपये प्रति क्विंटल, उड़द दाल 200 रुपये बढ़कर 7,500 रुपये, मसूर दाल 300 रुपये बढ़कर 6,800 रुपये और मूंग दाल की कीमत 9,000 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गई। एनसीडीईएक्स पर अप्रैल में डिलिवरी वाले बेंचमार्क चने का भाव बढ़कर 3,614 रुपये प्रति क्विंटल पर पहुंच चुका है, जबकि हाजिर बाजार में चना 3,500 रुपये क्विंटल बिक रहा है। (BS Hindi)
उपभोक्ता मामलों के विभाग के सचिव केशव देसीराजू ने शनिवार को भारतीय दलहन और अनाज संघ (आईपीजीए) के सम्मेलन में कहा था, 'हम दलहनों पर शून्य आयात शुल्क जारी रखने के बारे में विचार कर रहे हैं। इस बारे में फैसला 31 मार्च से पहले ले लिया जाएगा।'
कृषि मंत्रालय के दूसरे अग्रिम अनुमान के मुताबिक चालू फसल वर्ष 2014-15 में दलहन उत्पादन 184.3 लाख टन रहेगा, जो पिछले फसल वर्ष (जुलाई से जून) के 197.8 लाख टन से 7 फीसदी कम है। इंडिया पल्सेज ऐंड ग्रेन मर्चेंट्स एसोसिएशन (आईपीजीए) के उपाध्यक्ष विमल कोठारी का कहना है कि इस साल कम उत्पादन के कारण आयात पर निर्भरता बढ़ेगी, जिससे दालों की कीमतें बढ़ सकती हैं। उत्पादन कम रहने की आशंका में मार्च में थोक बाजार में अरहर दाल की औसत कीमत 1,000 रुपये प्रति क्विंटल तक बढ़ चुकी है। खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार मार्च की शुरुआत में देश भर की थोक मंडियों में अरहर दाल की औसत कीमत 7,000 रुपये प्रति क्विंटल थी, जो अब 8,000 रुपये प्रति क्विंटल हो गई। थोक बाजार में चना दाल की औसत कीमत 100 रुपये बढ़कर 4,500 रुपये प्रति क्विंटल, उड़द दाल 200 रुपये बढ़कर 7,500 रुपये, मसूर दाल 300 रुपये बढ़कर 6,800 रुपये और मूंग दाल की कीमत 9,000 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गई। एनसीडीईएक्स पर अप्रैल में डिलिवरी वाले बेंचमार्क चने का भाव बढ़कर 3,614 रुपये प्रति क्विंटल पर पहुंच चुका है, जबकि हाजिर बाजार में चना 3,500 रुपये क्विंटल बिक रहा है। (BS Hindi)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें