अप्रैल-मई में इलायची में निर्यातकों की बढ़ेगी मांग
रिकार्ड पैदावार से कीमतों में ज्यादा तेजी की उम्मीद नहीं
आर एस राणा
नई दिल्ली। रमजान के त्यौहार को देखते हुए इलायची में अप्रैल-मई में निर्यात मांग में तो तेजी आने की संभावना है लेकिन चालू सीजन में देष में रिकार्ड पैदावार होने का अनुमान है। ऐसे में निर्यातकों के साथ ही घरेलू मसाला निर्माताओं की मांग बढ़ने से कीमतों में 50 से 100 रूपये प्रति किलो का सुधार तो आ सकता है लेकिन भारी तेजी की संभावना नहीं है।
व्यापारिक सूत्रों के अनुसार चालू सीजन में देष में इलायची की रिकार्ड 23,000 टन से ज्यादा पैदावार होने का अनुमान है। जून महीने के आखिर में रमजान का त्यौहार है ऐसे में अप्रैल-मई में खाड़ी देष की आयात मांग बढ़ जायेगी जिससे मौजूदा कीमतों में 50 से 100 रूपये प्रति क्विंटल की तेजी आने का अनुमान है। ग्वाटेमाला में भी इलायची की पैदावार बढ़कर 34,000 टन होने का अनुमान है तथा ग्वाटेमाला की इलायची का भाव भारतीय इलायची के मुकाबले सस्ता है। विष्व बाजार में भारतीय इलायची का भाव उंचे में 17.50 डॉलर और ग्वाटेमाला की इलायची का 15.50 डॉलर प्रति किलो है।
थोक कारोबारियों का कहना है कि नीलामी केंद्रों पर इलायची की साप्ताहिक आवक 100 से 200 टन की हो रही है तथा इस समय निर्यातकों के साथ ही घरेलू मसाला निर्माताओं की मांग भी कमजोर है। इसलिए नीलामी केंद्रों पर इलायची के दाम स्थिर बने हुए है। नीलामी केंद्रों पर 6.5 एमएम की क्वालिटी की इलायची के भाव 800 रूपये और बोल्ड क्वालिटी में 8 एमएम की इलायची के भाव 1,050 से 1,087 रूपये प्रति किलो चल रहे हैं।
निर्यातकों का कहना है कि केंद्र सरकार द्वारा इलायची के आयात पर 500 रूपये प्रति किलो की दर से टैरिफ वैल्यू लगा देने से आयात में तो कमी आई है लेकिन घरेलू बाजार में स्टॉक ज्यादा होने से कीमतों में तेजी नहीं आ पा रही है। इस समय नीलामी केंद्रों पर आवक अच्छी हो रही है जबकि मांग कमजोर है। ऐसे में मौजूदा कीमतों में 20 से 25 रूपये प्रति किलो की गिरावट भी बन सकती है।
भारतीय मसाला बोर्ड के अनुसार चालू वित वर्श 2014-15 की पहली छमाही में इलायची के निर्यात में 10 फीसदी की कमी आई है। अप्रैल से सिंतबर-2014 के दौरान 1,295 टन इलायची का निर्यात हुआ है। सूत्रों के अनुसार चालू वित वर्श में कुल 4,200 टन इलायची का निर्यात होने का अनुमान है।.....आर एस राणा
रिकार्ड पैदावार से कीमतों में ज्यादा तेजी की उम्मीद नहीं
आर एस राणा
नई दिल्ली। रमजान के त्यौहार को देखते हुए इलायची में अप्रैल-मई में निर्यात मांग में तो तेजी आने की संभावना है लेकिन चालू सीजन में देष में रिकार्ड पैदावार होने का अनुमान है। ऐसे में निर्यातकों के साथ ही घरेलू मसाला निर्माताओं की मांग बढ़ने से कीमतों में 50 से 100 रूपये प्रति किलो का सुधार तो आ सकता है लेकिन भारी तेजी की संभावना नहीं है।
व्यापारिक सूत्रों के अनुसार चालू सीजन में देष में इलायची की रिकार्ड 23,000 टन से ज्यादा पैदावार होने का अनुमान है। जून महीने के आखिर में रमजान का त्यौहार है ऐसे में अप्रैल-मई में खाड़ी देष की आयात मांग बढ़ जायेगी जिससे मौजूदा कीमतों में 50 से 100 रूपये प्रति क्विंटल की तेजी आने का अनुमान है। ग्वाटेमाला में भी इलायची की पैदावार बढ़कर 34,000 टन होने का अनुमान है तथा ग्वाटेमाला की इलायची का भाव भारतीय इलायची के मुकाबले सस्ता है। विष्व बाजार में भारतीय इलायची का भाव उंचे में 17.50 डॉलर और ग्वाटेमाला की इलायची का 15.50 डॉलर प्रति किलो है।
थोक कारोबारियों का कहना है कि नीलामी केंद्रों पर इलायची की साप्ताहिक आवक 100 से 200 टन की हो रही है तथा इस समय निर्यातकों के साथ ही घरेलू मसाला निर्माताओं की मांग भी कमजोर है। इसलिए नीलामी केंद्रों पर इलायची के दाम स्थिर बने हुए है। नीलामी केंद्रों पर 6.5 एमएम की क्वालिटी की इलायची के भाव 800 रूपये और बोल्ड क्वालिटी में 8 एमएम की इलायची के भाव 1,050 से 1,087 रूपये प्रति किलो चल रहे हैं।
निर्यातकों का कहना है कि केंद्र सरकार द्वारा इलायची के आयात पर 500 रूपये प्रति किलो की दर से टैरिफ वैल्यू लगा देने से आयात में तो कमी आई है लेकिन घरेलू बाजार में स्टॉक ज्यादा होने से कीमतों में तेजी नहीं आ पा रही है। इस समय नीलामी केंद्रों पर आवक अच्छी हो रही है जबकि मांग कमजोर है। ऐसे में मौजूदा कीमतों में 20 से 25 रूपये प्रति किलो की गिरावट भी बन सकती है।
भारतीय मसाला बोर्ड के अनुसार चालू वित वर्श 2014-15 की पहली छमाही में इलायची के निर्यात में 10 फीसदी की कमी आई है। अप्रैल से सिंतबर-2014 के दौरान 1,295 टन इलायची का निर्यात हुआ है। सूत्रों के अनुसार चालू वित वर्श में कुल 4,200 टन इलायची का निर्यात होने का अनुमान है।.....आर एस राणा
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