प्लैटिनम की कीमतें कई वर्षों के निचले स्तर पर हैं। लेकिन अब मांग में
सुधार आ रहा है और भारत प्लैटिनम के एक प्रमुख बाजार के रूप में उभर रहा
है। इस सख्त कीमती धातु के आभूषणों की लोकप्रियता बढ़ रही है। साथ ही इसके
औद्योगिक उपयोग में भी इजाफा हो रहा है। बिज़नेस स्टैंडर्ड के साथ एक
ई-मेल साक्षात्कार में वल्र्ड प्लैटिनम इन्वेस्मेंट काउंसिल
(डब्ल्यूपीआईसी) के अनुसंधान निदेशक ट्रेवर रेमंड ने कहा, 'प्लैटिनम
आभूषणों की मांग के लिहाज से भारत एक अहम बाजार बनता जा रहा है। प्लैटिनम
की मांग के दो क्षेत्रों में से एक आभूषण है। वर्ष 2014 में प्लैटिनम की
मांग में आभूषण क्षेत्र का योगदान 38 फीसदी रहा। वर्ष 2014 के दौरान भारत
में प्लैटिनम के आभूषणों की मांग 35 किलो औंस बढ़कर 175 किलो औंस (5.6 टन)
होने का अनुमान है और हमें उम्मीद है कि वृद्धि का यह रुझान वर्ष 2015 में
भी जारी रहेगा।' सफेद धातु होने की वजह से आभूषणों में प्लैटिनम की
ज्यादातर मांग डिजाइनिंग के लिए आती है, लेकिन पिछले कुछ समय से प्लैटिनम
आभूषणों का रुझान बढ़ता जा रहा है।
वर्ष 2015 में भारत में आभूषणों की मांग 15 फीसदी बढ़कर 200 किलो औंस होने का अनुमान है। कहा जा रहा है कि भारत की प्लैटिनम मांग 12 से 15 टन के बीच होगी। हालांकि आधिकारिक आयात करीब 3 टन रहने का अनुमान है और शेष मांग रिसाइक्लिंग के जरिये पूरी होगी, क्योंकि आमतौर वाहन क्षेत्र में इस्तेमाल होने वाली प्लैटिनम का फिर से उपयोग होता है।
हालांकि वर्ष 2014 में भारत के वाहन क्षेत्र में प्लैटिनम की मांग 160 किलो औंस के स्तर पर सपाट रही है। उन्होंने कहा, 'हमें उम्मीद है कि यह वर्ष 2015 में तेजी पकड़ेगी, क्योंकि भारत की अर्थव्यवस्था की वृद्धि लगातार बढ़ रही है।' वाहनों प्रदूषण के नियंत्रण के लिए भारत स्टेज 4 शुरू करने से प्लैटिनम की मांग और बढ़ेगी। डब्ल्यूपीआईसी के मुताबिक इस समय भारत में प्लैटिनम की खपत वाले दो सबसे बड़े क्षेत्र आभूषण (वर्ष 2014 में 175 किलो औंस) और वाहन (वर्ष 2014 में 160 किलो औंस) हैं। रेमंड ने कहा कि प्लैटिनम की मांग में वृद्धि के लिए अच्छा बाजार है। इसकी वजह वहां अनुकूल आर्थिक स्थितियां होना और प्लैटिनम आभूषण में लोगों की रुचि बढऩा है। इस समय प्लैटिनम सोने की कीमतों से नीचे है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने का भाव 1,162 डॉलर प्रति औंस है, जबकि प्लैटिनम 1,126 डॉलर प्रति औंस है। कमजोर मांग के चलते सोने की कीमतों पर दबाव है। हालांकि प्लैटिनम के लिए कीमतों का रुझान मजबूत है।
थॉमसन रॉयटर्स के एशिया जीएफएमएस के प्रबंधक (कीमती धातु मांग) कैमरन एलेक्जेंडर ने कहा, 'हमारा अनुमान है कि वर्ष 2015 में प्लैटिनम की कीमतें बढ़कर 1,300 से 1,350 डॉलर प्रति औंस के दायरे में रहेंगी। पिछले साल खानों से उत्पादन में भारी गिरावट रही थी, लेकिन हमारा अुमान है कि इस साल खानों से उत्पादन सुधरेगा। वहीं औद्योगिक मांग भी सुधर रही है।' रेमंड के मुताबिक , 'वैश्विक स्तर पर प्लैटिनम में पहले ही 10 अरब डॉलर का निवेश हो चुका है।' (BS Hindi)
वर्ष 2015 में भारत में आभूषणों की मांग 15 फीसदी बढ़कर 200 किलो औंस होने का अनुमान है। कहा जा रहा है कि भारत की प्लैटिनम मांग 12 से 15 टन के बीच होगी। हालांकि आधिकारिक आयात करीब 3 टन रहने का अनुमान है और शेष मांग रिसाइक्लिंग के जरिये पूरी होगी, क्योंकि आमतौर वाहन क्षेत्र में इस्तेमाल होने वाली प्लैटिनम का फिर से उपयोग होता है।
हालांकि वर्ष 2014 में भारत के वाहन क्षेत्र में प्लैटिनम की मांग 160 किलो औंस के स्तर पर सपाट रही है। उन्होंने कहा, 'हमें उम्मीद है कि यह वर्ष 2015 में तेजी पकड़ेगी, क्योंकि भारत की अर्थव्यवस्था की वृद्धि लगातार बढ़ रही है।' वाहनों प्रदूषण के नियंत्रण के लिए भारत स्टेज 4 शुरू करने से प्लैटिनम की मांग और बढ़ेगी। डब्ल्यूपीआईसी के मुताबिक इस समय भारत में प्लैटिनम की खपत वाले दो सबसे बड़े क्षेत्र आभूषण (वर्ष 2014 में 175 किलो औंस) और वाहन (वर्ष 2014 में 160 किलो औंस) हैं। रेमंड ने कहा कि प्लैटिनम की मांग में वृद्धि के लिए अच्छा बाजार है। इसकी वजह वहां अनुकूल आर्थिक स्थितियां होना और प्लैटिनम आभूषण में लोगों की रुचि बढऩा है। इस समय प्लैटिनम सोने की कीमतों से नीचे है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने का भाव 1,162 डॉलर प्रति औंस है, जबकि प्लैटिनम 1,126 डॉलर प्रति औंस है। कमजोर मांग के चलते सोने की कीमतों पर दबाव है। हालांकि प्लैटिनम के लिए कीमतों का रुझान मजबूत है।
थॉमसन रॉयटर्स के एशिया जीएफएमएस के प्रबंधक (कीमती धातु मांग) कैमरन एलेक्जेंडर ने कहा, 'हमारा अनुमान है कि वर्ष 2015 में प्लैटिनम की कीमतें बढ़कर 1,300 से 1,350 डॉलर प्रति औंस के दायरे में रहेंगी। पिछले साल खानों से उत्पादन में भारी गिरावट रही थी, लेकिन हमारा अुमान है कि इस साल खानों से उत्पादन सुधरेगा। वहीं औद्योगिक मांग भी सुधर रही है।' रेमंड के मुताबिक , 'वैश्विक स्तर पर प्लैटिनम में पहले ही 10 अरब डॉलर का निवेश हो चुका है।' (BS Hindi)
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